ऑपरेशन सिंदूर: संसद में नज़रअंदाज़, थरूर ने बाहर उठाया ब्रह्मोस इकाई का मुद्दा
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कांग्रेस सांसद शशि थरूर को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान बोलने का मौका नहीं मिला, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाकर एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है।

थरूर ने 29 जुलाई को एक ट्वीट के माध्यम से ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया, जिसकी सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है। उन्होंने एक पत्र साझा करते हुए जानकारी दी कि नियमावली 377 के तहत उनकी बात को सदन के रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। यह मामला तिरुवनंतपुरम स्थित ब्रह्मोस प्लांट के सामने आने वाली चुनौतियों से संबंधित है।

थरूर ने कहा कि यह एक विडंबना ही है कि ब्रह्मोस मिसाइल के सफल प्रदर्शन को देखते हुए ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने रक्षा मंत्रालय का ध्यान ब्रह्मोस एयरोस्पेस तिरुवनंतपुरम लिमिटेड (BATL) के कर्मचारियों और उसके भविष्य से जुड़े एक महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर आकर्षित किया। यह इकाई उनके संसदीय क्षेत्र तिरुवनंतपुरम में स्थित है और एक प्रमुख रक्षा उत्पादन इकाई है।

थरूर ने बताया कि BATL की स्थापना 2008 में ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (BAPL) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में की गई थी। यह इकाई ब्रह्मोस मिसाइल कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण पुर्जे, इंजन और अन्य आवश्यक चीजें बनाती है। BATL के कर्मचारियों ने भारत की सामरिक रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसका प्रदर्शन हाल के सैन्य अभियानों में भी देखा गया है।

हालांकि, हाल ही में BAPL बोर्ड और वार्षिक आम बैठक की कार्यवाही से पता चला है कि BATL को BAPL से अलग करने की योजना बनाई जा रही है। थरूर ने कहा कि यह निर्णय राज्य सरकार, हितधारकों या ब्रह्मोस स्टाफ एसोसिएशन और ब्रह्मोस कर्मचारी संघ (AITUC) के साथ बिना किसी पूर्व चर्चा के लिया गया है, जिससे कर्मचारियों में चिंता का माहौल है।

थरूर ने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने मांग की है कि BATL को या तो BAPL के अधीन ही रखा जाए, जिससे रोजगार और कामकाज में निरंतरता बनी रहे, या फिर BATL को DRDO के अधीन एक उत्पादन केंद्र के रूप में स्थानांतरित कर दिया जाए, जिससे DRDO लेबोरेटरी कर्मियों के समान रोजगार लाभ प्राप्त हो सकें।

थरूर ने BATL के रणनीतिक महत्व और कर्मचारियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्री और सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने का अनुरोध किया है।

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