अमेरिका की ऑड्री क्रूज, जो पिछले दो दशकों से लकवाग्रस्त थीं, अब Neuralink ब्रेन इंप्लांट की मदद से बिना किसी शारीरिक संपर्क के कंप्यूटर पर अपना नाम टाइप करने में सक्षम हो गई हैं.
ऑड्रे क्रूज ने न्यूरालिंक चिप की सहायता से मेंटल कमांड्स के जरिए पहली बार लैपटॉप पर अपना नाम लिखा और कुछ डूडल्स यानी तस्वीरें बनाईं. इसकी कुछ तस्वीरें उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर की हैं.
क्रूज को न्यूरालिंक की पहली महिला प्रतिभागी के रूप में पहचाना जा रहा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि उन्होंने टेलीपैथी की मदद से अपने सिर्फ विचारों के जरिए लैपटॉप की स्क्रीन पर अपना नाम लिखा.
क्रूज ने लिखा कि यह 20 वर्षों में पहली बार है जब उन्होंने अपना नाम लिखने का प्रयास किया है. उनकी यह पोस्ट इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रही है और अब तक इसे 20 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है.
क्रूज ने बताया कि हाल ही में उनकी ब्रेन सर्जरी हुई है जिसमें न्यूरालिंक चिप को उनके ब्रेन में फिट किया गया. चिप का साइज लगभग 10 पेंस (ब्रिटिश सिक्का) के सिक्के के बराबर है.
उन्होंने इस चिप को अद्भुत करार दिया और कहा कि इसकी मदद से वह अब अपने कंप्यूटर को सीधे अपने दिमाग से कंट्रोल कर पा रही हैं. क्रूज को उम्मीद है कि आने वाले समय में इसी तकनीक के जरिए वह अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी दिमाग से कंट्रोल कर सकेंगी.
न्यूरालिंक की यह एडवांस्ड टेक्नोलॉजी विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो लकवाग्रस्त हैं और शारीरिक रूप से किसी चीज का संचालन नहीं कर सकते. इस चिप के जरिए वे केवल सोचकर कंप्यूटर और अन्य डिवाइस कंट्रोल कर सकते हैं.
न्यूरालिंक, एलन मस्क की कंपनी है. इसकी स्थापना 2016 में हुई थी और यह एक इम्प्लांटेबल ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है.
इस तकनीक का मुख्य हिस्सा एक छोटा डिवाइस होता है, जिसे The Link या N1 इम्प्लांट कहा जाता है. इसे सर्जरी के माध्यम से सीधे दिमाग में फिट किया जाता है.
इस प्रक्रिया के दौरान दिमाग के मोटर कॉर्टेक्स हिस्से में बेहद बारीक और लचीले थ्रेड्स लगाए जाते हैं, जो शरीर की हरकतों को नियंत्रित करने वाले सिग्नल्स से जुड़े होते हैं.
इन थ्रेड्स में लगे इलेक्ट्रोड्स न्यूरॉन्स से निकलने वाले इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स को पहचानने और उन्हें रिकॉर्ड करने के लिए बनाए गए हैं.
न्यूरालिंक का यह इम्प्लांट इन न्यूरल सिग्नल्स को कैप्चर करता है और उन्हें वायरलेस तरीके से किसी बाहरी डिवाइस, जैसे कंप्यूटर या स्मार्टफोन, तक ट्रांसमिट करता है.
I tried writing my name for the first time in 20 years. Im working on it. Lol #Neuralink pic.twitter.com/xzPBam5mAS
— Audrey Crews (@NeuraNova9) July 26, 2025
हैरान करने वाला वीडियो: बालों में आग लगाकर हेयरस्टाइल, फिर जो हुआ देखकर उड़ जाएंगे होश!
ऑपरेशन सिंदूर से कांग्रेस की दूरी, मनीष तिवारी नाराज, बोले- अगर मेरी चुप्पी...
संसद में राहुल गांधी की ज़ुबान फिसली, अपशब्द बोलने पर मचा बवाल
क्या जगदीसन को मिलेगा टेस्ट कैप? नेट अभ्यास ने उठाए सवाल!
HSSC चेयरमैन का बड़ा ऐलान: ग्रुप डी परीक्षा के लिए तैयार रहें युवा!
राजस्थान: CM से मंच पर ही फाइल पर हस्ताक्षर! मुख्य सचिव का वायरल वीडियो
तुम नहीं बताओगे क्या करना है : गंभीर का ग्राउंड्समैन पर फूटा गुस्सा, वीडियो वायरल
अटल का जलावतरण: भारतीय तटरक्षक बल को मिली नई शक्ति
तेज़ रफ़्तार कार ने साइकिल सवार को भिगोया, फिर गड्ढे में पलटी!
महिला वकील से छूटा कार पर नियंत्रण, रिवर्स में होटल में घुसी, मची अफरा-तफरी!