शाओलिन मंदिर के मठाधीश पर यौन संबंध और भ्रष्टाचार के आरोप, मचा हड़कंप
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चीन में बौद्ध आस्था और मार्शल आर्ट के केंद्र, शाओलिन मंदिर के मठाधीश शी योंगजीन पर लगे गंभीर आरोपों से सनसनी मच गई है।

चीनी बौद्ध संघ ने सोमवार को घोषणा की कि उसने शाओलिन मंदिर के मठाधीश शी योंगजीन के ऑर्डिनेशन सर्टिफिकेट को संदिग्ध आपराधिक अपराधों के चलते रद्द करने पर सहमति व्यक्त की है।

सरकारी अखबार चाइना डेली के अनुसार, हेनान प्रांत स्थित शाओलिन मंदिर के मठाधीश शी योंगजीन पर आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का संदेह है। मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी नोटिस में इसकी जानकारी दी गई है।

रिपोर्टों के अनुसार, मठाधीश पर लंबे समय तक कई महिलाओं के साथ अनुचित संबंध बनाए रखने और बच्चों को जन्म देकर बौद्ध आस्था के सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन करने का आरोप है। वर्तमान में कई अधिकारियों द्वारा संयुक्त जांच की जा रही है।

मठाधीश पर परियोजना निधि और मंदिर की संपत्ति का गबन और दुरुपयोग करने का भी संदेह है।

कुंग-फू शैली के लिए जगत प्रसिद्ध शाओलिन मंदिर मध्य चीन के हेनान प्रांत में एक पर्वत श्रृंखला में स्थित 1,500 साल पुराना है। हर साल हजारों अनुयायी यहां आते हैं, जिनमें कई दुनिया भर से होते हैं। 5वीं सदी में स्थापित शाओलिन मंदिर न सिर्फ बौद्ध आस्था का केंद्र रहा है, बल्कि यहां मार्शल आर्ट का विकास भी साथ-साथ हुआ। शाओलिन मंदिर के भिक्षु मार्शल आर्ट के दक्ष खिलाड़ी होते थे। शारीरिक बल, लचीलापन और मानसिक अनुशासन पर केंद्रित शाओलिन टेंपल का मार्शल आर्ट आत्मरक्षा, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक विकास पर जोर देता है।

शी योंगजीन 1999 से शाओलिन के मठाधीश हैं। इन्हीं के नेतृत्व में मंदिर ने चीन के बाहर स्कूल खोलने शुरू किए और भिक्षुओं का एक भ्रमणशील दल बनाया जो शाओलिन कुंग फू शो करते थे। 2015 में भी महिलाओं के साथ यौन संबंध रखने और मंदिर के धन का गबन करने के आरोप में शी की जांच की गई थी, लेकिन तब उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया गया था।

शी योंगजीन को संस्थान को एक वैश्विक ब्रांड में बदलने के लिए CEO MONK निकनेम मिला है। उन्हें कंपनियों और स्थानीय सरकारों से महंगे उपहार भी मिले थे, जिनमें एक वोक्सवैगन एसयूवी और सोने के धागे वाला एक वस्त्र शामिल है।

शाओलिन मंदिर के संबंध में अब यह भी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या यह अब भी एक धार्मिक स्थल के रूप में संरक्षित है, या फिर इसे एक व्यावसायिक स्थल के रूप में बदल दिया गया है। शाओलिन मंदिर के भिक्षु एक समय में महज बौद्ध साधक हुआ करते थे, लेकिन पिछले कुछ दशकों में इसे एक वाणिज्यिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। यहां बड़े पैमाने पर मार्शल आर्ट्स स्कूल चलते हैं, और हर साल हजारों पर्यटक आते हैं।

हाल ही में थाईलैंड का भी एक बौद्ध मंदिर विवादों के घेरे में आ गया था। वाट त्री थोत्साथेप मंदिर के भिक्षु यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल के आरोपों से जूझ रहे थे। इस मामले में एक महिला को गिरफ्तार किया गया था, जिसने कथित तौर पर कम से कम नौ वरिष्ठ भिक्षुओं के साथ यौन संबंध बनाए और उन्हें ब्लैकमेल कर लगभग 100 करोड़ रुपये की उगाही की।

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