बांग्लादेश को भारत की मेडिकल सहायता: डॉक्टर और नर्सों की टीम ढाका रवाना
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ढाका में विमान दुर्घटना में घायल हुए लोगों के इलाज के लिए भारत से विशेषज्ञ डॉक्टरों और नर्सों की एक टीम बांग्लादेश रवाना हो रही है।

बर्न स्पेशलिस्ट की यह टीम हादसे में झुलसे पीड़ितों का इलाज करेगी। डॉक्टरों की यह टीम मरीजों की हालत का जायजा लेगी और उन्हें आगे के इलाज के लिए सलाह देगी। आवश्यकता पड़ने पर पीड़ितों का इलाज भारत में भी किया जा सकता है। इलाज और शुरुआती आकलन के बाद मेडिकल की अतिरिक्त टीमें भी ढाका रवाना हो सकती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ढाका में हुए विमान हादसे में मारे गए लोगों और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी शोक संवेदना पहले ही व्यक्त कर दी है। प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

ढाका में वायुसेना के प्रशिक्षण विमान के एक स्कूल की इमारत से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है, जिनमें 25 बच्चे शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, चीन में निर्मित एफ-7 बीजीआई प्रशिक्षण विमान में उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद तकनीकी खराबी आ गई और यह ढाका के उत्तर क्षेत्र के दियाबारी में स्थित माइलस्टोन स्कूल एवं कॉलेज की दो मंजिला इमारत से टकरा गया।

सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है। मुख्य सलाहकार के विशेष सलाहकार सईदुर रहमान ने संवाददाताओं को बताया कि मृतकों में कम से कम 25 बच्चे शामिल हैं। उनमें से कई 12 साल से कम उम्र के थे जिनकी गंभीर रूप से झुलसने के कारण मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।

आईएसपीआर ने बताया कि संयुक्त सैन्य अस्पताल में भर्ती 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी में 10, लुबाना जनरल अस्पताल में दो और ढाका मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, उत्तरा आधुनिक मेडिकल कॉलेज अस्पताल और यूनाइटेड अस्पताल में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।

आईएसपीआर ने कहा कि 165 घायलों का ढाका के 10 अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

माइलस्टोन स्कूल एवं कॉलेज के साथ-साथ आसपास के स्कूलों के छात्रों ने प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने मृतकों से संबंधित सही जानकारी सार्वजनिक करने, पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और बांग्लादेश वायुसेना द्वारा उपयोग किए जा रहे पुराने और असुरक्षित प्रशिक्षण विमानों को तुरंत बंद करने की मांग की।

विधि सलाहकार आसिफ नज़रुल, शिक्षा सलाहकार सीआर अबरार और मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया, जहां आंदोलनकारी छात्रों ने उनका विरोध किया और अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाए। सलाहकारों ने स्कूल के एक भवन के अंदर शरण ली, लेकिन सेना और अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा के बावजूद छात्रों ने उस इमारत की घेराबंदी कर दी जहां उन्होंने शरण ली थी।

छात्रों ने आरोप लगाया कि अधिकारी मृतकों की वास्तविक संख्या को जानबूझकर छिपा रहे हैं। हालांकि, यूनुस के कार्यालय ने एक बयान जारी कर छात्रों के दावे का खंडन किया।

रहमान ने संवाददाताओं को बताया कि अब तक 20 लोगों के शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। रहमान ने राजधानी स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी (एनआईबीपीएस) में संवाददाताओं से कहा, हम चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, कुछ मरीजों की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है।

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