कोई देश साथ नहीं, लोकतंत्र खतरे में: सपा सांसद रामगोपाल यादव का बड़ा दावा
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समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वर्तमान में कोई भी देश भारत के साथ खड़ा नहीं है, चाहे वह मुस्लिम हो, गैर-मुस्लिम हो या दुनिया का कोई अन्य राष्ट्र।

दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक, जिसमें मानसून सत्र के दौरान चर्चा के मुद्दों पर सहमति बनानी थी, के बाद रामगोपाल यादव ने मीडिया से बात करते हुए यह बात कही।

उन्होंने 1965 और 1971 के युद्धों का हवाला देते हुए कहा कि तब पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने के दौरान भी मुस्लिम देशों ने भारत का विरोध नहीं किया था। यहां तक कि कारगिल युद्ध के समय भी कोई मुस्लिम देश भारत के विरुद्ध नहीं था। अब स्थिति बिल्कुल विपरीत है।

रामगोपाल यादव ने लोकतंत्र के खतरे में होने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि यह सबसे चिंताजनक बात है कि लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है।

सांसद ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार 18 वर्ष के प्रत्येक भारतीय नागरिक को वोट देने का अधिकार है, लेकिन बिहार में करोड़ों लोगों के नाम मतदाता सूची से काटे जा रहे हैं। उन्होंने सरकार पर इन गंभीर मुद्दों पर चर्चा न करने का आरोप लगाया।

बैठक में रामगोपाल यादव ने चार महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने की बात कही। इनमें पहलगाम में आतंकी हमला, जिसमें उपराज्यपाल ने भी खुफिया जानकारी में चूक की बात स्वीकार की थी, ऑपरेशन सिंदूर, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने युद्ध रोकने का दावा किया था और भारत के पांच जेट विमानों को गिराने की बात कही थी, और भारत की असफल विदेश नीति शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर पर किसी भी देश ने भारत का साथ नहीं दिया।

रामगोपाल यादव ने कांवड़ यात्रा विवाद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का खंडन करते हुए कहा कि वे झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी कांवड़ यात्रियों को अपराधी या आतंकवादी नहीं कह रहा है, बल्कि उनमें उनके समर्थक ज्यादा हैं।

इंडिया गठबंधन की बैठक में डी राजा के बयानों पर भी प्रतिक्रिया आई। सीपीएम के महासचिव एमए बेबी ने कहा कि डी राजा को केरल और भारत की राजनीतिक वास्तविकताएं समझनी चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि 2004 में कांग्रेस की सरकार वामपंथियों के समर्थन के बिना नहीं बन सकती थी। डी राजा ने वामपंथियों और आरएसएस की तुलना से बचने की सलाह दी, क्योंकि इससे कार्यकर्ताओं में भ्रम पैदा होता है और गठबंधन की एकता को नुकसान पहुंचता है। यह ज्ञात है कि केरल में सीपीएम के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा और कांग्रेस के नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन अक्सर आमने-सामने रहते हैं, हालांकि सीपीएम और सीपीआई हमेशा से ही इंडिया गठबंधन के साथ रहे हैं।

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