अनिरुद्धाचार्य नामक एक कथित संत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है। इस बयान ने व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है।
वीडियो में, अनिरुद्धाचार्य (असली नाम अनुरुद्ध राम तिवारी) को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि 25 वर्ष की लड़की जब आती है, तो पूरी जवान होकर आती है। जब जवान होकर आएगी तो स्वाभाविक है कि वह अपनी जवानी कहीं ना कहीं फिसला चुकी होगी। सब नहीं, लेकिन बहुत-सी तो चार जगह मुंह मार चुकी होती हैं।
इस बयान को महिलाओं और युवा वर्ग ने कड़ी निंदा की है। लोगों का मानना है कि एक संत को इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
महिला अधिकार संगठनों और सोशल एक्टिविस्ट्स ने भी इस बयान की कड़ी निंदा की है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इसे घोर आपत्तिजनक बताते हुए तुरंत कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, मुंबई और दिल्ली में इस वीडियो को लेकर शिकायत दर्ज की जा चुकी है। IPC की धारा 294 (अश्लील कार्य), 509 (महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाना) और IT Act के तहत कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
यह पहली बार नहीं है जब अनिरुद्धाचार्य ने विवादित बयान दिया है। इससे पहले भी उनके कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक या दोहरे अर्थों वाले बयान पाए गए हैं।
प्रसिद्ध समाजशास्त्री डॉ. राकेश गुप्ता का कहना है, जब धार्मिक मंचों से इस प्रकार के स्त्रीविरोधी कथन सामने आते हैं, तो यह केवल महिलाओं का ही नहीं, धर्म और संस्कृति का भी अपमान है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे वायरल वीडियो युवाओं की सोच और दृष्टिकोण को गलत दिशा में मोड़ सकते हैं। जब धर्मगुरु जैसी छवि वाला व्यक्ति इस तरह की भाषा का प्रयोग करता है, तो इसका दुष्प्रभाव पूरे समाज पर पड़ता है।
ट्विटर पर #AniruddhacharyaControversy और #ArrestAniruddhacharya जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग इस बयान पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।
हिंदू महासभा ने इस बयान को धर्म का अपमान बताते हुए सार्वजनिक माफी और संत समाज से बहिष्कार की मांग की है। ISKCON और अन्य संतों ने भी अनिरुद्धाचार्य के बयान पर नाराज़गी जताई है।
नेशनल कमीशन फॉर वूमेन (NCW) ने इस बयान को लेकर स्वतः संज्ञान लिया है और संबंधित राज्य सरकार को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय अनिरुद्धाचार्य के यूट्यूब चैनल के कंटेंट की समीक्षा कर रहा है।
अनिरुद्धाचार्य विवाद ने धार्मिक मंचों की जिम्मेदारी पर बहस छेड़ दी है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या धार्मिक मंच अब अश्लीलता का अड्डा बन रहे हैं? क्या कथावाचकों के भाषणों पर कोई सेंसर नहीं होना चाहिए?
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब समय आ गया है जब संत या कथावाचकों की मर्यादा पर सवाल उठाना आवश्यक है। धर्म का नाम लेकर महिलाओं को अपमानित करना न तो सामाजिक रूप से स्वीकार्य है, न ही धार्मिक दृष्टिकोण से। अब बारी समाज, कानून और मीडिया की है - कि वो तय करें, क्या ऐसे लोगों को मंच दिया जाना चाहिए, या इनकी जगह हाशिये पर होनी चाहिए।
25 वर्ष की लड़की 4 जगह मुंह मार चुकी होती है, सब नहीं लेकिन बहुत |
— गहड़वाल साहब (@The_Gaharwar) July 18, 2025
25 वर्ष की जो आती है पुरी जवान होकर आती है, जब जवान होकर आयेगी तो स्वाभाविक है वह अपनी जवानी कहीं ना कहीं फिसल जायेगी..
- अनिरुध्दाचार्य (अनुरुद्ध राम तिवारी)
क्या यह शब्द एक संत या कथावाचक के हो सकते हैं ? pic.twitter.com/oYYuXg5E2M
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