ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रही 70% जली 15 वर्षीया, 14 डॉक्टरों की टीम करेगी इलाज; एम्स में निषेधाज्ञा
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ओडिशा के पुरी में शनिवार को अज्ञात हमलावरों द्वारा आग के हवाले की गई 15 वर्षीय लड़की 70 फीसदी तक झुलस गई है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

लड़की का एम्स भुवनेश्वर में इलाज चल रहा है। उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए, डॉक्टरों की 14 सदस्यीय टीम उसके इलाज के लिए बनाई गई है।

देर रात, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस समर्थकों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद भुवनेश्वर-कटक कमिश्नरेट पुलिस ने एम्स परिसर में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी।

एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक आशुतोष बिस्वास ने बताया कि लड़की की हालत गंभीर है। वह आईसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट पर है, लेकिन कुछ बातचीत कर पा रही है। उन्होंने कहा कि अगले 48 घंटे मरीज के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

पीड़िता के बोलने की स्थिति में आने के बाद, पुलिस ने मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में उसका बयान दर्ज किया है।

एम्स भुवनेश्वर ने लड़की के इलाज के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की एक 14 सदस्यीय टीम का गठन किया है। इस टीम में मेडिसिन, पल्मोनरी मेडिसिन, एनेस्थीसिया, स्त्री रोग, फोरेंसिक मेडिसिन, नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी और अन्य विभागों के डॉक्टर शामिल हैं।

शनिवार देर रात मामले को लेकर भाजपा, बीजद और कांग्रेस समर्थकों के बीच झड़प के बाद, एम्स भुवनेश्वर में निषेधाज्ञा लागू की गई। अधिकारियों के अनुसार, एम्स परिसर में सुरक्षा बलों की तीन प्लाटून (90 जवान) तैनात की गई हैं।

भुवनेश्वर डीसीपी जगमोहन मीणा ने कहा कि विभिन्न समूहों ने बर्न वार्ड के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी परेशानी हुई। एम्स ने एक नोटिस जारी कर कहा है कि परिसर में विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है, जिसके बाद निषेधाज्ञा लागू की गई। मीणा ने बताया कि इसके बाद 50 फीसदी लोग चले गए, जबकि बाकी को हिरासत में लिया गया है।

बीजद और कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि भगवा पार्टी के नेताओं को बर्न विभाग में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी, जबकि सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने इसका विरोध किया। पूर्व सांसद प्रदीप माझी ने कहा कि बीजद की मुख्य मांग है कि लड़की को आज रात ही दिल्ली स्थित एम्स ले जाया जाए, अन्यथा वह बालासोर पीड़िता की तरह मर जाएगी।

भाजपा नेता बाबू सिंह ने कहा कि अगले 72 घंटे मरीज के लिए बेहद अहम हैं। वार्ड में और भी मरीज भर्ती हैं। वार्ड के बाहर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना सही नहीं है, और मुख्यमंत्री ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर मरीज को एयरलिफ्ट करके दिल्ली एम्स भी ले जाया जाएगा।

यह घटना बलंगा थाना क्षेत्र के बयाबर गांव में सुबह करीब 9 बजे हुई, जब लड़की अपनी सहेली के घर जा रही थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मोटरसाइकिल सवार तीन युवकों ने उसे रोका, उसे जबरन भार्गवी नदी के किनारे ले गए और उसके शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़का और उसे आग लगा दी। लड़की को आग लगाने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। स्थानीय लोगों ने आग बुझाई और बाद में उसे पिपिली सरकारी अस्पताल ले गए, जहां से उसे एम्स भेज दिया गया।

परिजनों ने इस दरिंदगी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।

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