किडनी फेलियर से जूझते एक्टर फिश वेंकट का निधन, कुछ दिन पहले मांगी थी मदद
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साउथ फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने एक्टर और कॉमेडियन फिश वेंकट, जिनका असली नाम वेंकट राज था, का 53 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वे पिछले कुछ समय से बीमार थे और हैदराबाद के एक अस्पताल में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि उनके पास इलाज कराने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे, जिसके चलते उनकी किडनी की डायलिसिस समय पर नहीं हो सकी। इस दुखद खबर से साउथ फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। फैंस सोशल मीडिया के माध्यम से फिश वेंकट को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

फिश वेंकट हैदराबाद के एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनकी हालत गंभीर होने के बाद उन्हें आईसीयू में रखा गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, फिश वेंकट को किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता थी और इसके लिए डोनर की तलाश थी। उनके परिवार ने इलाज के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी। उन्हें मदद तो मिली, लेकिन डोनर समय पर नहीं मिल सका।

इस बीच, गुरुग्राम के मैरिंगो एशिया अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉक्टर प्रवीण गुप्ता ने न्यूरो एंड स्पाइन सर्जरी के लॉन्च पर टेपवर्म से होने वाली मिर्गी के मामलों के बारे में जानकारी दी।

डॉक्टर गुप्ता के अनुसार, उन्होंने अपने 20 वर्षों के अनुभव में जितने भी मिर्गी के मरीजों का इलाज किया है, उनमें से ज्यादातर टेपवर्म के कारण होने वाली मिर्गी से पीड़ित थे। ये छोटे-छोटे कीड़े बारिश के मौसम में बहुत ज्यादा पाए जाते हैं, खासकर भारत के ग्रामीण इलाकों में। कई बार ये कीड़े पत्ता गोभी, फूलगोभी और पत्तेदार सब्जियों में भी मौजूद होते हैं, इसलिए इस मौसम में इन्हें खाने से बचने की सलाह दी जाती है।

टेपवर्म ऐसे कीड़े होते हैं जो खाने-पीने के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। ये न केवल दिमागी बीमारियों का कारण बनते हैं, बल्कि आंतों की बीमारी, लिवर की बीमारी, पेट दर्द, दस्त और शरीर के अन्य अंगों के विफल होने जैसी अन्य बीमारियों का भी कारण बन सकते हैं। इन कीड़ों की मौजूदगी से शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी भी हो सकती है।

मिर्गी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे दवाओं और जीवनशैली में सुधार के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। लगभग 70% मामलों में दवाएं केवल दौरे को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।

टेपवर्म से बचने के लिए मानसून के मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से बचना चाहिए। मांस खाने से पहले उसे गर्म पानी से अच्छी तरह धोकर ठीक से पकाना चाहिए। टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए। पालतू जानवरों को छूने के बाद भी सफाई का ध्यान रखना चाहिए और घर में रहने वाले पेट्स का हाइजीन भी बनाए रखना चाहिए।

शरीर में टेपवर्म होने के कुछ लक्षणों में वजन कम होना, भूख न लगना, पेट में दर्द या मरोड़ होना और कमजोरी महसूस करना शामिल हैं।

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