यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. निमिषा को 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी, लेकिन राष्ट्रपति द्वारा फांसी रोक दी गई है.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि निमिषा प्रिया को क्षमादान दिलाने के प्रयास उसके परिवार द्वारा ही किए जाने चाहिए. बाहरी लोगों के शामिल होने से कोई फायदा नहीं मिलने वाला.
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने कोर्ट में कहा कि निमिषा प्रिया ने अपने परिवार को पावर ऑफ अटॉर्नी नियुक्त किया है. उसे बचाने के लिए पीड़ित के परिजनों से बातचीत की जिम्मेदारी भी परिवार को ही उठानी चाहिए. किसी भी बाहरी व्यक्ति को इसमें शामिल नहीं किया जाना चाहिए, भले ही उसका इरादा अच्छा ही क्यों न हो.
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि परिवार ही एकमात्र ऐसी संस्था है जिसे इससे चिंतित होना चाहिए. हम किसी बाहरी व्यक्ति के इसमें शामिल होने की बात नहीं कर रहे हैं, भले ही इरादे कितने भी अच्छे क्यों न हों.
ग्रैंड मुफ्ती अबूबकर मुसलियार ने दावा किया था कि उन्होंने यमन में विद्वानों और जानकारों से संपर्क किया है और उनसे निमिषा प्रिया के मामले में मदद करने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था कि निमिषा की फांसी टाल दी गई. मुफ्ती ने यह भी कहा कि इस्लाम में कत्ल के बदले दीया (मुआवजा) देने का भी रिवाज है. मैंने उनसे दीया कबूल करने की गुजारिश की है क्योंकि वे इसके लिए तैयार हैं.
एडवोकेट सुभाष चंद्रन ने जानकारी दी कि निमिषा प्रिया मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट से प्रतिनिधिमंडल भेजने की अनुमति मांगी गई है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को छह सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल का सुझाव दिया गया है.
इस बीच मछुआरों के परिजनों ने चिंता जताई है. मछुआरों के परिवार के सदस्य ने बताया कि उनके पति को बांग्लादेश में हिरासत में लिया गया है. उन्होंने बांग्लादेश से फोन कर बताया कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने के बाद पुलिस थाने लाया गया है. वे सभी ठीक हैं लेकिन घर नहीं लौटने की वजह से सभी परेशान हैं और चिंतित हैं.
16 अक्टूबर 2024 को बांग्लादेश तटरक्षक बल ने कम से कम 31 मछुआरों को पकड़ा था, क्योंकि वे मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर पड़ोसी जलक्षेत्र में चले गए थे. दो दिन बाद 48 मछुआरों के साथ तीन और ट्रॉलर पकड़े गए, जबकि 21 नवंबर को 16 मछुआरों के साथ एक और ट्रॉलर ज़ब्त कर लिया गया.
Delhi: On the Nimisha Priya case, Advocate Subhash Chandran says, Today, the hearing in the Nimisha Priya case took place in court... We have submitted a request to the Supreme Court for permission to send a delegation. We suggested to the Supreme Court that a six-member… pic.twitter.com/C8l7ZuOfaU
— IANS (@ians_india) July 18, 2025
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