गुफा में मिली रूसी महिला के पति का गंभीर आरोप: बेटियों से मिलने के लिए संघर्ष!
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उत्तरी कन्नड़ जिले के गोकर्ण में गुफा में मिली रूसी महिला नीना कुटीना और उनकी दो बेटियों के मामले में नया मोड़ आया है। बच्चियों के पिता, इजरायली नागरिक ड्रोर गोल्डस्टीन, ने बच्चियों की संयुक्त कस्टडी की मांग की है।

गोल्डस्टीन ने अधिकारियों से गुहार लगाई है कि उनकी बेटियों को रूस न भेजा जाए। उनका आरोप है कि उन्हें अपनी बेटियों से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि वह हफ्ते में कुछ वक़्त अपनी बेटियों के साथ बिताना और उनकी देखभाल करना चाहते हैं। उनकी चिंता है कि अगर बच्चियां रूस चली गईं तो उनसे संपर्क बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा, इसलिए वो चाहते हैं कि वे भारत में ही रहें।

गोल्डस्टीन ने बताया कि वह साल में लगभग छह महीने गोवा में रहते हैं। पिछले कुछ सालों से वह कुटीना से अलग रह रहे थे। कुछ महीने पहले नीना बेटियों को लेकर गोवा छोड़कर चली गई, तब से उनका संपर्क नहीं है।

14 दिसंबर 2024 को गोल्डस्टीन ने गोवा के पणजी पुलिस स्टेशन में नीना की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार, गोल्डस्टीन और नीना कुटीना की दो बेटियां हैं - एक का जन्म जून 2018 में यूक्रेन में और दूसरी का मई 2020 में गोवा, भारत में हुआ था।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गोल्डस्टीन ने मां और बच्चों को वित्तीय सहायता देना जारी रखा, लेकिन नीना के कथित दुर्व्यवहार और झगड़े के कारण उन्होंने खुद को उससे दूर करना शुरू कर दिया।

गोल्डस्टीन का कहना है कि नीना उनके साथ पैसों के लिए संपर्क में थी। उन्होंने कहा कि वह नीना और बच्चों से मिलने के लिए अक्सर गोवा जाते थे, लेकिन नीना उनसे दूर रहने लगी और उन्हें बताए बिना कई दिनों तक गायब रहती थी।

उन्होंने नीना पर बच्चों का ब्रेनवॉश करने और उन्हें उनसे दूर रहने के लिए कहने का भी आरोप लगाया।

अपनी पुलिस शिकायत में, गोल्डस्टीन ने कहा है कि वह अपनी बेटियों के स्वास्थ्य और भलाई को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को किसी से मिलने-जुलने की इजाजत नहीं है और उन्हें एक बंद समूह में रखा जाता है। वह अपनी बेटियों के जीवन का हिस्सा बनना चाहते हैं और उन्हें आर्थिक और भावनात्मक रूप से सहायता प्रदान करना चाहते हैं।

वर्तमान में, नीना और उनकी बेटियां तुमकुरु के डिब्बूर स्थित विदेशी हिरासत केंद्र (FDC) में हैं। सत्यापन के बाद पता चला है कि परिवार अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी वहां रह रहा था, जिसके कारण उन्हें हिरासत में लिया गया है। अधिकारी यह भी जांच कर रहे हैं कि वीजा समाप्त होने के बाद कोई व्यक्ति उनकी मदद कर रहा था या इसमें कोई अन्य समूह शामिल है।

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