ईरान और इजरायल के बीच शुक्रवार से जारी हमलों के कारण लोगों में दहशत का माहौल है। इजरायली हमलों से डरकर ईरानी नागरिक गांवों की ओर पलायन कर रहे हैं, जिससे तेहरान से निकलने वाली सड़कों पर भारी जाम लग गया है।
तेहरान पर इजरायल की लगातार बमबारी से भयभीत लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में गांवों की ओर जा रहे हैं। तेहरान छोड़ने वालों की संख्या इतनी अधिक है कि रास्ते बंद हो गए हैं और लोग सड़कों पर ही फंस गए हैं।
CNN और BBC फारसी ने कुछ लोगों से बातचीत की, जिनसे पता चला कि वे मजबूरी में अपने घर छोड़ रहे हैं। एक व्यक्ति ने कहा कि वह अपना घर नहीं छोड़ना चाहता, लेकिन वह अपने बच्चों को ऐसी स्थिति में राजधानी में नहीं रख सकता, इसलिए वह तेहरान छोड़ने को मजबूर है।
कुछ लोग बुजुर्ग माता-पिता के कारण तेहरान नहीं छोड़ पा रहे हैं, क्योंकि वे लंबा सफर तय नहीं कर सकते। इसलिए, उन्हें मजबूरी में तेहरान में ही रहना पड़ रहा है।
तेहरान की एक महिला ने कहा कि वह हमलों से बचने के लिए शहर छोड़ने पर विचार कर रही थीं। वह किसी छोटे शहर या गांव में जाना चाहती थी, लेकिन हर किसी के पास ऐसे प्रियजन होते हैं जिन्हें वे पीछे नहीं छोड़ सकते।
यह हमारे साथ, ईरानी लोगों के साथ अन्याय है, महिला ने कहा। उन्हें लगता है कि ईरानी जम गए हैं। एक अन्य निवासी ने कहा, मैं तेहरान नहीं छोड़ सकता। मैं अपने बुजुर्ग माता-पिता को नहीं छोड़ सकता जो बहुत दूर यात्रा नहीं कर सकते और मुझे काम पर जाना है। अब मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं, यह मेरी समझ से बाहर है।
BBC फारसी से बात करते हुए एक महिला ने कहा कि वह दो रातों से सोई नहीं है। मौजूदा स्थिति ने उन्हें 1980 के दशक में होने वाले ईरान और इराक युद्ध की याद दिला दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें उस वक़्त भी बमबारी से बचने के लिए पनाहगाहों में जाना पड़ा था। दोनों युद्धों के बीच फर्क बताते हुए उन्होंने कहा कि 1980 में कम से कम हमले होने से पहले सायरन बजते थे, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है। महिला ने कहा कि ऐसा लगता है कि जैसे हमारे अधिकारियों को हमारी जिंदगी की कोई परवाह नहीं है।
इस युद्ध के बीच लोगों को रोजमर्रा की चीजों के लिए भी बहुत संघर्ष करना पड़ रहा है। तेहरान की रहने वाली एक महिला ने बताया कि उन्हें पेट्रोल लेने के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है, क्योंकि हर जगह लंबी लाइनें लगी हुई हैं।
ईरान सरकार की प्रवक्ता का कहना है कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। ईरानी सरकार के प्रवक्ता फतेमेह मोहरजेरानी ने सरकारी टीवी से कहा था कि ईरानी लोग इजरायली हमलों के दौरान मस्जिदों और स्कूलों में पनाह ले सकते हैं। इसके अलावा मेट्रे सिस्टम में भी रह सकते हैं। प्रवक्ता का कहना है कि रोजमर्रा की चीजें उपलब्ध हैं और किसी भी तरह की कमी का सामना नहीं है।
#Iran
— Boris Alexander Beissner (@boris_beissner) June 16, 2025
The exodus of residents from Tehran continues — it did not stop all night, and heavy traffic jams are still being observed in the morning. pic.twitter.com/11v7CZ9PH3
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