संजय गांधी, भारतीय राजनीति का एक ऐसा अध्याय, जो आज भी अपनी नीतियों और जीवन के उतार-चढ़ाव के कारण चर्चा में रहता है। 33 साल के छोटे जीवन में उन्होंने भारतीय राजनीति पर गहरी छाप छोड़ी।
14 दिसंबर 1946 को जन्मे संजय गांधी का रुझान राजनीति और प्रशासन की ओर था। रॉल्स-रॉयस में इंटर्नशिप के बाद उन्होंने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में रुचि दिखाई और मारुति मोटर्स लिमिटेड की नींव रखी, जो मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए एक क्रांति साबित हुई।
1975-77 के आपातकाल के दौरान संजय गांधी की भूमिका पर कई सवाल उठे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से इंदिरा गांधी की सरकार को नियंत्रित किया और सुपर PM की तरह काम किया। आपातकाल का फैसला भी संजय के दिमाग की उपज माना जाता है।
1976 में पुरुष नसबंदी का विवादास्पद फैसला संजय गांधी के जीवन का सबसे चर्चित कदम था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक साल में 60 लाख से अधिक लोगों की नसबंदी की गई।
संजय गांधी ने भारतीय युवा कांग्रेस को एक नई पहचान दी और 1970 के दशक में इसका नेतृत्व करते हुए राजनीति में नई ऊर्जा का संचार किया। उन्हें इंदिरा गांधी का उत्तराधिकारी माना जाता था।
संजय गांधी का व्यक्तिगत जीवन भी दिलचस्प था। मेनका आनंद से उनकी शादी 23 दिसंबर 1974 को हुई थी।
अप्रैल 1976 में, संजय गांधी ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के तत्कालीन अध्यक्ष जगमोहन के साथ दिल्ली के तुर्कमान गेट का दौरा किया। उन्होंने इच्छा जताई कि उन्हें तुर्कमान गेट से जामा मस्जिद स्पष्ट दिखनी चाहिए।
जगमोहन के लिए यह आदेश था। बुलडोजर तुर्कमान गेट पर पहुंचे और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें कई लोगों की जान गई।
1977 में शाह कमीशन की जांच रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस ने महिलाओं, बच्चों और पुरुषों को पीटा और उनके जेवरात लूट लिए।
एक बार अपनी माँ इंदिरा गांधी को थप्पड़ मारने की खबर से भी संजय गांधी सुर्ख़ियों में रहे थे। 1977 में द वॉशिंगटन पोस्ट के संवाददाता लुइस एम सिमंस ने दावा किया था कि संजय ने एक डिनर पार्टी में इंदिरा गांधी को छह थप्पड़ मारे थे। इंदिरा ने इस खबर को खारिज कर दिया था।
23 जून 1980 को एक विमान दुर्घटना में संजय गांधी की मृत्यु हो गई, जिससे भारतीय राजनीति को गहरा आघात पहुँचा। उनकी विरासत आज भी भारतीय राजनीति और समाज में महसूस की जाती है।
15 अप्रैल 1976। आपातकाल का दौर था। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी पुरानी दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके का दौरा करने पहुंचे। ये मुस्लिम बहुल इलाका झुग्गियों से पटा था। जामा मस्जिद तक पहुंचने के लिए संजय को इन झुग्गियों की भूलभुलैया में घूमना पड़ा।
— Ocean Jain (@ocjain4) April 28, 2024
संजय गांधी ने… pic.twitter.com/Mhpm2T2giH
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