ईरान के समर्थन में सऊदी अरब, यूएई और कतर! इजराइल के खिलाफ लामबंदी से अमेरिका दुविधा में
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इजराइल और ईरान के बीच तनाव तेजी से बढ़ रहा है, जिससे मध्य पूर्व में समीकरण बदल रहे हैं। इजराइल, गाजा के बाद अब ईरान को निशाना बना रहा है। वहीं, खाड़ी देशों में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं और कई देश मिलकर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।

इजराइल-ईरान युद्ध शुरू होने के बाद सऊदी अरब, यूएई और कतर खुलकर ईरान के समर्थन में आ गए हैं। इन तीनों देशों ने इजराइल के हमलों की कड़ी निंदा करते हुए अपना पक्ष स्पष्ट किया है।

मध्य पूर्व में तेजी से बदलते हालात अमेरिका के लिए दुविधा पैदा कर रहे हैं। अमेरिका, जो खुद को दुनिया में शांति का समर्थक बताता है, उसकी निगरानी में इजराइल लगातार कहर बरपा रहा है। यही कारण है कि अमेरिका की मुश्किलें बढ़ रही हैं।

सऊदी अरब, यूएई और कतर ने आधिकारिक बयान जारी कर इजराइली सेना के ऑपरेशन लॉयन की कड़ी निंदा की है। इन देशों ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

यूएई, सऊदी अरब और कतर का यह सख्त रुख मध्य पूर्व में नए समीकरणों को जन्म दे रहा है। इन तीनों देशों का मानना है कि युद्ध से बचने के लिए शांति वार्ता की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।

भारत ने भी मध्य पूर्व में बदलते हालातों पर बयान जारी किया है। भारत का कहना है कि भारत परमाणु स्थलों पर हमलों से संबंधित रिपोर्टों सहित स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है। भारत दोनों पक्षों से किसी भी तरह के आक्रामक कदम से बचने का आग्रह करता है। तनाव कम करने के लिए संवाद और कूटनीति का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

यह जगजाहिर है कि अमेरिका का समर्थन प्रधानमंत्री नेतन्याहू को प्राप्त है। ऐसे में इजराइल जब भी कोई कदम उठाता है, तो सवाल अमेरिका पर भी उठते हैं। अमेरिका के संबंध खाड़ी देशों से भी अच्छे हैं, जिनमें सऊदी अरब प्रमुख है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में सऊदी अरब का दौरा किया था।

हालांकि, इजराइल-ईरान युद्ध समीकरणों को बदल रहा है। जब सऊदी अरब, यूएई और कतर जैसे देश इजराइल की खुले तौर पर आलोचना कर रहे हैं, तो अमेरिका के लिए यह दुविधा की स्थिति है कि वह क्या करे। फिलहाल, सबकी निगाहें डोनाल्ड ट्रंप के अगले कदम पर टिकी हैं कि वह आगे क्या फैसला लेते हैं।

खबरों के अनुसार, इजराइल द्वारा कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद ईरान संयुक्त राष्ट्र (UN) की शरण लेता नजर आ रहा है। ईरान के संयुक्त राष्ट्र राजदूत आमिर सईद इरावानी ने पत्र भेजकर इजराइल के हवाई हमलों के जवाब में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक का औपचारिक अनुरोध किया है।

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