10 मिनट में डिलीवरी का डार्क सीक्रेट : क्या आपके ऑनलाइन सामान की क्वालिटी की गारंटी है?
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डिजिटल इंडिया और ई-कॉमर्स की क्रांति ने जीवन को आसान बना दिया है. अब बाजार जाने की झंझट नहीं, मिनटों में सामान घर पहुंच जाता है. एक मिनट में 3400 से ज्यादा प्रोडक्ट्स की डिलीवरी हो रही है. लेकिन, क्या आपको पता है, इस तेजी में सामान की क्वालिटी की कोई गारंटी नहीं होती?

सामान इतना खराब हो सकता है कि खाकर बीमार पड़ जाएं. ऐसा हम क्यों कह रहे हैं? क्योंकि ऑनलाइन दुकानों के डार्क स्टोर्स में कई डार्क सीक्रेट्स छिपे हैं.

हाल ही में, दो बड़ी ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कार्रवाई हुई. धारावी में Zepto के डार्क स्टोर का फ़ूड लाइसेंस रद्द कर दिया गया, क्योंकि वहां खाने-पीने का सामान खराब हालत में मिला. कुछ सामान में फफूंद लगी थी, तो कुछ गंदे पानी के पास रखा था. वहीं, पुणे में Blinkit का डार्क स्टोर लाइसेंस न होने के कारण बंद कर दिया गया.

अब सवाल उठता है, ये डार्क स्टोर क्या हैं? ये आपके आस-पड़ोस की दुकान नहीं होते. यहां कंपनियां हर तरह का सामान रखती हैं. ऑनलाइन ऑर्डर आते ही, डिलीवरी पार्टनर सामान लेकर आपके घर पहुंच जाते हैं. चूंकि ये दुकान नहीं हैं, इसलिए इन्हें डार्क स्टोर कहा जाता है. आमतौर पर, एक डार्क स्टोर 5 से 6 किलोमीटर के दायरे में होता है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से यह समझा जाता है कि आसपास के लोग कौन सा सामान ज्यादा और कौन सा कम मंगवाते हैं. किस समय किस सामान की मांग ज्यादा होती है. इसी जानकारी के आधार पर डार्क स्टोर में सामान रखा जाता है.

अक्सर डार्क स्टोर फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम करते हैं, डिलीवरी ऐप वाली कंपनियों के साथ इनका करार होता है. इसलिए यहां खराब सामान होने की आशंका हमेशा बनी रहती है.

इसलिए जब भी ऑनलाइन सामान मंगवाएं, इस्तेमाल करने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें. अगर कभी खराब सामान मिले, तो तुरंत शिकायत करें और सोशल मीडिया पर कंपनी को जानकारी दें. सही सामान लेना आपका हक है.

आजकल, देश में ऑनलाइन डिलीवरी ऐप पर हर रोज 50 लाख प्रोडक्ट्स का ऑर्डर होता है, जबकि दो बड़ी फ़ूड डिलीवरी ऐप को 20 लाख फ़ूड का ऑर्डर मिलता है. लेकिन हर ऑर्डर के साथ आप डार्क सीक्रेट के खेल से गुजरते हैं.

डार्क सीक्रेट क्या है? जब आप कोई प्रोडक्ट ऑर्डर करते हैं, तो फ्री डिलीवरी के लिए एक तय कीमत तक ऑर्डर करने का विकल्प आता है. फिर ज्यादा सामान लेने पर छूट या कैशबैक का ऑफर मिलता है. जैसे-जैसे आप सामान खरीदते जाते हैं, आपको ज्यादा लालच दिया जाता है. स्टॉक में 1 या 2 सामान बचे होने का दावा करके आप पर प्रेशर बनाया जाता है. अलग-अलग समय में छूट को बढ़ा या घटा दिया जाता है. आपको 10 मिनट में सामान मिलने का दावा किया जाता है.

यह सारा खेल AI की मदद से किया जाता है. आपको लालच देकर, कंफ्यूजन में डालकर ज्यादा से ज्यादा सामान खरीदने के लिए उकसाया जाता है. कई बार आप नहीं चाहते हुए भी इस जाल में फंस जाते हैं.

इसलिए, अगली बार कुछ भी ऑर्डर करने से पहले ध्यान से देखें और समझें. और कभी समय मिले, तो बाजार जाइए. सामान को छूकर-देखकर शॉपिंग कीजिए. थोड़ा टहल भी लेंगे, बाजार भी घूम लेंगे और हो सकता है आपका मूड भी ठीक हो जाए.

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