आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने रेलवे मंत्रालय की दो महत्वपूर्ण दोहरीकरण परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इन परियोजनाओं पर कुल 6,405 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इससे रेलवे की परिचालन दक्षता में सुधार होगा, और माल व यात्री परिवहन क्षमता बढ़ेगी.
पहली परियोजना झारखंड में कोडरमा से बरकाकाना के बीच 133 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के दोहरीकरण से जुड़ी है. यह खंड राज्य के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्रों से गुजरता है और पटना तथा रांची के बीच सबसे छोटा और अधिक कुशल रेल संपर्क प्रदान करता है. यह मार्ग माल और यात्री दोनों तरह की ट्रेनों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.
दूसरी परियोजना कर्नाटक के बेल्लारी से चिकजाजुर के बीच 185 किलोमीटर लंबे रेल खंड के दोहरीकरण की है. यह रेल लाइन कर्नाटक के बेल्लारी और चित्रदुर्ग जिलों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले से होकर गुजरती है. इन इलाकों में खनिज संसाधनों की प्रचुरता है, इसलिए यह मार्ग औद्योगिक रूप से बेहद उपयोगी है. इसमें 19 स्टेशन, 29 बड़े पुल और 230 छोटे पुल होंगे और 470 गांवों और 13 लाख लोगों को कनेक्टिविटी मिलेगी.
रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दोनों परियोजनाएं भारतीय रेलवे की परिचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगी. उन्होंने बताया कि इन मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्तावों से रेलवे नेटवर्क में भीड़भाड़ कम होगी, और सेवा की विश्वसनीयता और समयबद्धता भी बेहतर होगी. ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय विकास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है.
मंत्री ने यह भी कहा कि ये परियोजनाएं पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को साकार करने की दिशा में उठाए गए ठोस कदम हैं. इनसे झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिलों में लगभग 1,408 गांवों को लाभ होगा, जिनकी कुल आबादी करीब 28.19 लाख है. इस परियोजना से रेलवे नेटवर्क में 318 किलोमीटर की वृद्धि होगी.
रेल मंत्रालय के अनुसार, इन परियोजनाओं से कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, कृषि उत्पादों और पेट्रोलियम जैसे महत्वपूर्ण माल ढुलाई में मदद मिलेगी. परियोजनाओं से भारतीय रेलवे को 49 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) की अतिरिक्त माल ढुलाई क्षमता हासिल होगी.
ये परियोजनाएं पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी लाभकारी होंगी. रेलवे एक ऊर्जा कुशल और पर्यावरण अनुकूल परिवहन माध्यम है. इन परियोजनाओं के जरिए तेल आयात में 52 करोड़ लीटर की कमी आएगी, साथ ही 264 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कटौती होगी - जो पर्यावरण की दृष्टि से 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस परियोजना द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड का जो अवशोषण होगा, वह सात करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा.
अमरनाथ ड्यूटी पर जा रहे सेना के जवानों के लिए जर्जर कोच के वायरल वीडियो पर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कोच बदल दिया गया है और इस संबंध में 4 रेलवे कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.
*#WATCH | Delhi | On Indian Railways Koderma - Barkakana multitracking project in Jharkhand, Union Railway Minister Ashwini Vaishnaw says, According to experts calculations, the carbon dioxide sequestered by this project will be equivalent to planting seven crore trees. It will… pic.twitter.com/ZgRJLdkZ4m
— ANI (@ANI) June 11, 2025
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