मुझे आपसे डर नहीं लगता : वंदे भारत ट्रेन में पीएम मोदी से बोली बच्ची, जानिए प्रधानमंत्री का रिएक्शन
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (6 जून, 2025) को जम्मू-कश्मीर दौरे पर थे। उन्होंने कटरा रेलवे स्टेशन से कटरा और श्रीनगर को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान, पीएम मोदी ने ट्रेन में सवार स्कूली बच्चों के साथ बातचीत की।

बच्चों में प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करने के दौरान काफी उत्साह देखने को मिला। पीएम मोदी ने इन बच्चों के साथ सवाल-जवाब भी किए।

एक बच्ची ने पीएम मोदी से पूछा कि बात करने में हिचकिचाहट को कैसे कम करें? पीएम मोदी ने कहा, अगर मेरे साथ इतनी बात कर लेती हो तो हिचकिचाहट कैसी? यह तो आपके दिमाग में भर गया है। बच्ची ने मासूमियत से जवाब दिया, आपके सामने नहीं... इस पर पीएम मोदी हंसते हुए बोले, अच्छा, मुझसे डर नहीं लगता? बच्चे भी इस पर खूब हंसे।

वंदे भारत ट्रेन में बच्चों के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने उनसे कई सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि कितने लोग पहली बार ट्रेन में बैठे हैं, जिस पर कई बच्चों ने हाथ उठाया। पीएम मोदी ने कहा कि वंदे भारत में तो सभी पहली बार ही बैठे हैं। इस दौरान बच्चों ने पीएम मोदी को गाने भी सुनाए, जिनमें एक कश्मीरी गाना भी शामिल था। प्रधानमंत्री ने बच्चों से कहा कि बचपन से सुनते आए हैं कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, इसलिए यह रेलवे से भी जुड़ना चाहिए।

एक कश्मीरी बच्ची ने पीएम मोदी से पूछा कि जब वे छोटे थे तो उनके जीवन का लक्ष्य क्या था? पीएम मोदी ने जवाब दिया कि उनका कोई लक्ष्य नहीं था, बस देश के लिए जीना और उसकी सेवा करना ही उनका उद्देश्य था।

फिर उसी बच्ची ने पूछा कि पढ़ते समय नींद क्यों आती है और पीएम मोदी को इतना काम करने के बाद नींद क्यों नहीं आती। पीएम मोदी ने कहा कि नींद तो आती है और नींद आना बुरा नहीं है। विज्ञान के अनुसार, कितना भी काम या तनाव हो, 6 से 7 घंटे सोना ही चाहिए। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि क्लास में टीचर पढ़ा रहे हैं और आप सो रहे हैं।

एक बच्ची ने पीएम मोदी से जीवन में उतारने योग्य सीख देने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने कहा कि मैदान में जब कोई खिलाड़ी खेलता है तो लोग चौके और छक्के की मांग करते हैं, लेकिन खिलाड़ी उस तरफ ध्यान नहीं देता। वह वही करता है जो उसने तय किया है। इसी तरह, आपको भी जीवन में एक लक्ष्य तय करना चाहिए और उसी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। किसी के कहने से अपना लक्ष्य नहीं भूलना चाहिए। जो तय किया है, बस उसी में जुट जाना चाहिए।

[चिनाब ब्रिज पर तिरंगा फहराने से संबंधित जानकारी यहाँ शामिल नहीं है क्योंकि इसका संबंध बच्चों के साथ हुई बातचीत से सीधे तौर पर नहीं है।]

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