बंदूक तानने वालों से बात नहीं: थरूर का पाकिस्तान पर वाशिंगटन में तीखा प्रहार
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अमेरिका में एक सर्वदलीय शिष्टमंडल का नेतृत्व करते हुए, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत पाकिस्तान के साथ तब तक कोई बातचीत नहीं करेगा जब तक वह आतंकवाद का समर्थन करना बंद नहीं करता।

थरूर ने चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवादी गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं करता है, तो भारत पहले भी जो कार्रवाई कर चुका है, उसे दोहराने से नहीं हिचकेगा। नेशनल प्रेस क्लब में थरूर ने कहा कि अमेरिका भारत के रुख को भलीभांति समझ गया है कि बंदूक की नोंक पर कोई बातचीत नहीं हो सकती।

कांग्रेस सांसद ने दो टूक कहा कि भारत को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि पाकिस्तान अपने साथ क्या कर रहा है। उन्हें चिंता इस बात की है कि पाकिस्तान भारत और उसके नागरिकों के साथ क्या कर रहा है। थरूर ने आतंकवाद को रोकने की बात पर ज़ोर दिया और कहा कि इसके बाद पाकिस्तान जो चाहे बन सकता है।

थरूर ने यह भी कहा कि भारत पाकिस्तान पर किसी तरह के प्रतिबंध लगाने की मांग नहीं कर रहा है। वे सिर्फ इतना कह रहे हैं कि अगर कोई पाकिस्तानियों से बात करना चाहता है, तो उनसे यह सवाल ज़रूर पूछे कि वे आतंकवादियों को पनाह क्यों देते हैं? वे उन्हें काम करने की अनुमति क्यों देते हैं? वे अपने पड़ोसी के खिलाफ इस तरह की गतिविधियों को कैसे बढ़ावा दे रहे हैं? उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ये सब गतिविधियां अचानक नहीं हो रहीं, इनका स्रोत पाकिस्तान है।

थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत केवल अनुमानों या अटकलों के आधार पर कार्रवाई नहीं करता है। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के कम से कम पांच में से चार हमलावरों की पहचान भारतीय खुफिया एजेंसियों ने कर ली है। उनके पास हमलावरों की तस्वीरें भी हैं क्योंकि इन लोगों की संलिप्तता पहले भी कई घटनाओं में रही है। थरूर ने पुष्टी की कि पहचाने गए हमलावरों में से दो पाकिस्तानी हैं, जबकि दो अन्य स्थानीय लोग हैं जो करीब 10 साल पहले भारतीय कश्मीर से पाकिस्तान चले गए थे। ऐसा लगता है कि वे हमले को अंजाम देने के लिए वापस आए और फिर लौट गए।

थरूर ने कहा कि 1989 से लगातार हमलों का एक पैटर्न चला आ रहा है और हर बार पाकिस्तान ने इन हमलों से इनकार किया है, लेकिन बाद में पता चला कि हर हमले का स्रोत पाकिस्तान ही था। उन्होंने मुंबई में हुए 26/11 के हमले का उदाहरण दिया। उस समय भी पाकिस्तान ने इनकार किया था, लेकिन बाद में एक आतंकी को जिंदा पकड़ लिया गया और उसके पाकिस्तान के पते और प्रशिक्षण से जुड़ी सभी जानकारियां सामने आ गईं। थरूर ने कहा कि अब पाकिस्तान के लिए इन तथ्यों को नकारना संभव नहीं है। पहलगाम हमले के बाद भी रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली और 24 घंटे बाद अपनी वेबसाइट पर इस दावे को दोहराया।

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