क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है? खुर्शीद ने कांग्रेसियों को सुनाई खरी-खरी
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पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद आजकल भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को दुनिया के सामने रखने के लिए अलग-अलग देशों के दौरे पर हैं. इन दौरों के बीच उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा व्यक्त की है.

कांग्रेस पार्टी द्वारा मोदी सरकार के भेजे गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए खुर्शीद ने पूछा कि क्या देशभक्त होना इतना कठिन है?

खुर्शीद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, जब आप आतंकवाद के खिलाफ भारत का संदेश दुनिया तक पहुंचाने के मिशन पर हैं, तो यह दुखद है कि देश में लोग आपकी राजनीतिक निष्ठाओं का हिसाब लगा रहे हैं. क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है?

कांग्रेस नेता शशि थरूर के बाद अब सलमान खुर्शीद भी अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं.

मलेशिया में पत्रकारों से बात करते हुए खुर्शीद ने कहा, हम यहां जो कर रहे हैं, वह देश के लिए जरूरी है. चाहे आप किसी भी पार्टी से हों, आज जरूरत है देश के पक्ष में एक आवाज में बोलने की, और हम यहां वही कर रहे हैं.

उन्होंने स्पष्ट किया, मैं यहां भारत सरकार का विरोध करने नहीं आया हूं. मैं यहां भारत के लिए बोलने आया हूं. मेरे लिए, भारत और केवल भारत ही सबसे पहले है.

खुर्शीद ने बताया कि जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया के बाद मलेशिया उनकी यात्रा का पांचवां और आखिरी पड़ाव था. उन्होंने कहा कि इन सभी देशों में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और समर्थन देखने को मिला है.

उन्होंने यह भी बताया कि मलेशिया की दोनों पार्टियों ने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया है और इसे अपनी सरकारी एजेंसियों के सामने रखने का आश्वासन दिया है. इससे भारत को अपनी चिंताओं को वैश्विक मंच पर उठाने में काफी हौसला मिला है.

कांग्रेस नेता उदित राज ने भी खुर्शीद के विचारों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, कौन कह रहा है कि देशभक्ति दिखाना अपराध है? मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं. मुझे यही समझ आता है कि जब हम आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में विदेशी धरती पर होते हैं, तो हमें एकजुट होकर बात करनी चाहिए. मैं इससे सहमत हूं.

वहीं, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने खुर्शीद के बयान पर दुख और हैरानी जताई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लंबे समय से धर्मनिरपेक्षता के नाम पर आतंकवाद का सामना करने में नैतिक स्पष्टता को कमजोर किया है और वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है.

मालवीय ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अक्सर पार्टी के हितों को देश के कल्याण से ऊपर रखती है और उसने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के दौरान सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा दिया है.

गौरतलब है कि कांग्रेस ने पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार का समर्थन किया था. लेकिन, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के विदेश रवाना होते ही, कांग्रेस ने सरकार की विदेश नीति की आलोचना शुरू कर दी और अपने नेताओं के बयानों का भी खंडन किया. कांग्रेस ने बीजेपी पर सस्ता राजनीतिक खेल खेलने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने से पहले उनसे सलाह नहीं ली गई.

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