ब्रह्मोस: पाकिस्तान की छाती पर गरजेगा नया, घातक अवतार!
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ब्रह्मोस एंटी शिप क्रूज मिसाइल, जिसे जमीन, आसमान और समुद्र से लॉन्च किया जा सकता है, को और घातक बनाने की तैयारी हो रही है।

सबसे पहले, ब्रह्मोस की रेंज 800 किलोमीटर से भी आगे बढ़ाने की कोशिशें चल रही हैं। भारतीय नौसेना को पहले ही 800 किलोमीटर तक अटैक करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलें मिल चुकी हैं, और अब हवा से भी लंबी रेंज वाली ब्रह्मोस लॉन्च करने की कोशिशें जारी हैं। वर्तमान में वायुसेना के Air Launched ब्रह्मोस की रेंज लगभग 500 किलोमीटर है।

ब्रह्मोस को सुखोई 30-MKI फाइटर जेट से हवा में लॉन्च किया जाता है। अब इस मिसाइल को दूसरे विमानों में भी फिट करने की कोशिशें हो रही हैं, हालांकि एयर-लॉन्च ब्रह्मोस का वजन ढाई टन से ज्यादा होने के कारण यह काम आसान नहीं है।

ब्रह्मोस का एक नया वर्जन बनाया जा रहा है जिसका नाम है BrahMos-NG, जहां NG का मतलब है नेक्स्ट जेनरेशन। यह मिसाइल करीब 1300 किलोग्राम की होगी, यानी वजन में हल्की। सुखोई में ऐसी 4 मिसाइलों को ले जाना मुमकिन होगा, और हमारा छोटा फाइटर जेट तेजस भी ऐसी दो मिसाइलों को लेकर दुश्मन पर अटैक कर पाएगा।

ब्रह्मोस 2.0 पर भी काम चल रहा है। यह एक हाइपरसोनिक मिसाइल होगी, जिसकी रफ्तार मैक 6 यानी करीब 7400 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा होगी। इस रफ्तार पर ब्रह्मोस हर सेकंड में 2 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करेगी। यह मौजूदा ब्रह्मोस से दोगुनी रफ्तार से उड़ान भरकर हमला करेगी, यानी दुश्मन के पास बचने के लिए पहले से आधा वक्त होगा।

सबसे ज्यादा खतरनाक होगी सबमरीन से लॉन्च होने वाली ब्रह्मोस। इसे भारतीय नौसेना की पनडुब्बियां पानी की सतह के नीचे से फायर कर सकेंगी। समंदर में कोई पनडुब्बी नजर नहीं आएगी, और अचानक एक मिसाइल पानी को चीरती हुई बाहर आएगी। दुश्मन को हमले के बाद भी पता नहीं चलेगा कि मिसाइल किस जगह से आई।

रूस और भारत ने मिलकर इस मिसाइल को डेवलप किया। 2007 से यह मिसाइल भारतीय सेना का हिस्सा बनी, लेकिन उस समय इसके सिर्फ 7% हिस्से भारत में बनते थे। अब भारत की डिफेंस इंडस्ट्री की कोशिशों के बाद इस मिसाइल के करीब 75% कल-पुर्जे देश में ही बनाए जाते हैं, और जल्द ही यह बढ़कर 84% तक पहुंच सकता है।

इसके अतिरिक्त, भारत ने रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के 5 स्क्वाड्रन खरीदने की डील की थी, जिसमें से 3 भारत को मिल चुके हैं और हमारी सीमाओं पर तैनात हैं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक फरवरी 2026 में S-400 का चौथा स्क्वाड्रन भारत को मिलेगा, और अगस्त 2026 तक 5वां स्क्वाड्रन भी भारत पहुंच जाएगा।

रूस ने दावा किया है कि एस-400 की मिसाइलों ने यूक्रेन के एक एफ-16 फाइटर जेट को मार गिराया है। इस खबर के बाद रूस ने एस-400 के क्रू मेंबर्स को इनाम दिया है। क्योंकि इसका मतलब है कि अब उसके एफ-16 विमान भी भारत की एस-400 मिसाइलों का टारगेट बन सकते हैं।

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