ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी मौलवी गुलामरेजा गसेमियन की मक्का और मदीना पर की गई टिप्पणियों से दोनों देशों के रिश्ते फिर तनावपूर्ण हो गए हैं.
गुलामरेजा हज के लिए मक्का गए थे, जहां से उनका एक वीडियो वायरल हुआ. इस वीडियो में वे मक्का और मदीना के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के सुधारवादी कदमों की आलोचना कर रहे थे.
वीडियो सामने आने के बाद सऊदी अधिकारियों ने सोमवार को ईरानी मौलवी को गिरफ्तार कर लिया. ईरान के कूटनीतिक प्रयासों के बाद मौलवी गुरुवार को रिहा कर दिए गए और अब वो ईरान पहुंच चुके हैं.
इस घटनाक्रम ने सऊदी और ईरान के संबंधों में एक बार फिर खटास पैदा कर दी है. खबरों के अनुसार, गुलामरेजा की गिरफ्तारी के बाद सऊदी अरब ने ईरानियों को हज वीजा जारी करना भी बंद कर दिया है.
गुलामरेजा गसेमियन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें वे सऊदी अरब में हो रहे सामाजिक सुधारों की आलोचना कर रहे थे.
वीडियो में उन्होंने कहा, अब आपको कैसीनो, वेश्यालय और अश्लील संगीत कार्यक्रमों के लिए अंताल्या जाने की जरूरत नहीं है, आप सऊदी अरब आ सकते हैं.
उन्होंने सऊदी अरब पर नैतिक पतन का आरोप लगाया और कहा कि सुधारों और पर्यटन के नाम पर देश में नास्तिकता का बोलबाला हो जाएगा.
मौलवी ने यह भी कहा कि मक्का और मदीना में जो हो रहा है वह सामान्य नहीं है और अल्लाह कभी इन गुनाहों के लिए माफ नहीं करेगा. उन्होंने इस्लाम के दो सबसे पवित्र शहरों को ईरानी शासन के अधीन करने की इच्छा भी जताई.
गिरफ्तारी के बाद सऊदी अधिकारियों ने कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्हें कांसुलर सहायता दी गई और बाद में रिहा कर दिया गया.
ईरानी मौलवी के बयानों से ईरानी शासन ने खुद को अलग कर लिया है. विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि ईरान मुस्लिम एकता को नुकसान पहुंचाने के किसी भी प्रयास की निंदा करता है.
हालांकि, ईरानी न्यायपालिका के प्रवक्ता असगर जहांगीर ने मौलवी की गिरफ्तारी को गैर-कानूनी और अन्यायपूर्ण बताया.
यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब सऊदी अरब ने रिश्ते सुधारने के लिए ईरानी हज यात्रियों के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने जैसे कदम उठाए हैं.
गौरतलब है कि ईरान और सऊदी अरब के बीच सात सालों की दुश्मनी के बाद 2023 में रिश्ते बहाल हुए थे. चीन ने दोनों देशों के बीच सामान्यीकरण समझौते में अहम भूमिका निभाई थी.
2016 में सऊदी अरब और ईरान के संबंध तब टूटे जब सऊदी में एक प्रमुख शिया धर्मगुरु समेत 46 लोगों को आतंकवाद के आरोप में फांसी दे दी गई.
2023 में संबंध सामान्यीकरण के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के देशों में दूतावास खोले हैं. इस साल हज 4 जून से शुरू हो रहा है, जिसके लिए 68,000 से अधिक ईरानी सऊदी अरब पहुंचने वाले हैं.
Iran in no uncertain terms condemns any attempt to harm Muslim unity, particularly in the spiritual atmosphere of the Hajj. We are determined to not allow anyone to sabotage relations with our brotherly neighbors, including the progressive path of Iran and Saudi Arabia.
— Seyed Abbas Araghchi (@araghchi) May 27, 2025
The… pic.twitter.com/l4OE9JqPBk
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