क्या भारत बनाएगा अपना पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट AMCA?
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रक्षा मंत्रालय ने भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और एक मजबूत घरेलू एयरोस्पेस औद्योगिक इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) कार्यक्रम निष्पादन मॉडल को स्वीकृति दे दी है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) उद्योग के साथ साझेदारी के माध्यम से इस कार्यक्रम को लागू करेगी।

पहली बार, देश की निजी कंपनियों को भी इन पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को बनाने की प्रक्रिया में हिस्सा लेने की मंजूरी दी गई है। एडीए पहले ही AMCA का डिजाइन और मॉडल तैयार कर चुकी है। पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर, दोनों को बराबरी की प्रतिस्पर्धा का मौका दिया गया है। भारतीय कंपनियां अकेले या संयुक्त उद्यम में AMCA का निर्माण कर सकती हैं।

रक्षा विशेषज्ञ शिवाली देशपांडे का कहना है कि निजी हाथों में निर्माण सौंपने का सरकार का फैसला एक बड़ा बदलाव लाने वाला कदम है जो स्वदेशीकरण और मेक इन इंडिया रक्षा तकनीक में विश्वास दर्शाता है। भविष्य के युद्ध बहुत कठिन होने जा रहे हैं, इसलिए यह हमारी वायु शक्ति को बढ़ाने के लिए एक स्वागत योग्य कदम है।

AMCA भारत का 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है जिसे भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए डिजाइन किया जा रहा है। इसे DRDO की ADA द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसका लक्ष्य 2030 तक IAF को एक विश्वस्तरीय स्वदेशी विमान देना है, जिससे राफेल और सुखोई जैसे आयातित विमानों पर भारत की निर्भरता कम होगी।

यह विमान स्टील्थ तकनीक (रडार से बचने की क्षमता), सुपरक्रूज़ (बिना आफ्टरबर्नर के ध्वनि की गति से अधिक उड़ान भरने की क्षमता), उन्नत सेंसर और हथियार (रडार, मिसाइलें और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा।

AMCA भारत का पहला 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा, जिसमें कई एडवांस विशेषताएं होंगी। इसकी रफ्तार करीब 2500 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यह सिंगल सीटर और डबल इंजन वाला विमान है जो मल्टीरोल होने के कारण अटैक के साथ डिफेंस भी कर सकता है। यह 10 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है और इसमें 11 हार्ड प्वाइंट बने हैं, यानी 11 तरह के हथियार इसमें लगाए जा सकते हैं।

AMCA का वजन मध्यम वर्ग (लगभग 25 टन) का होगा। इसकी रेंज 1,000 किमी से अधिक और गति मैक 1.8+ होगी। शुरुआत में, इसमें GE F414 इंजन का उपयोग होगा, लेकिन बाद में स्वदेशी AL-51 इंजन विकसित किया जाएगा। इसमें AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार होगा।

AMCA की पहली उड़ान 2028 में होने की उम्मीद है और सब कुछ ठीक रहा तो 2034 में यह भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाएगा।

अभी तक केवल तीन देशों – अमेरिका, रूस और चीन – ने 5वीं पीढ़ी के विमान विकसित किए हैं। AMCA चीन के J-20 और पाकिस्तान के प्रोजेक्ट AZM जैसे विमानों का मुकाबला करेगा।

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