एलन मस्क के स्टारशिप रॉकेट की नौवीं उड़ान विफल, क्रैश होकर हुआ नष्ट
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दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप की नौवीं टेस्ट फ्लाइट बुधवार तड़के टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च की गई, लेकिन कुछ ही मिनटों बाद यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

लॉन्च होने के लगभग 20 मिनट बाद ही रॉकेट में खराबी आ गई. इंजन में समस्या और ईंधन रिसाव के कारण स्टारशिप का ऊपरी चरण अनियंत्रित होकर नष्ट हो गया. इससे पहले के दो टेस्ट भी विफल रहे थे, जिनमें उड़ानें आग के गोले में बदल गई थीं.

स्पेसएक्स के इस नए लॉन्च पर सबकी नजरें टिकी थीं. माना जा रहा था कि इसकी सफलता एलन मस्क के चांद और मंगल पर लोगों को पहुंचाने के सपने को पूरा करने जैसा होगा, लेकिन इस बार भी उनका यह सपना अधूरा रह गया.

बोका चिका बीच से सुबह 5 बजे (भारतीय समयानुसार) प्रक्षेपण किया गया. स्टारशिप के जरिए एलन मस्क चांद और मंगल ग्रह पर लोगों को बसाने के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं. इस कार्यक्रम का नाम रोड टु मेकिंग लाइफ मल्टीप्लैनेरी रखा गया है.

मस्क ने लॉन्चिंग से पहले कहा था कि स्टारशिप मंगल ग्रह की यात्रा 6 महीने में कर सकता है, जबकि पहले यह सोचा जा रहा था कि इसमें 10 साल लगेंगे.

इस मिशन को स्टारशिप फ्लाइट 9 नाम दिया गया था. इसमें सुपर हेवी बूस्टर और शिप 35 का उपयोग किया गया. सुपर हेवी बूस्टर इससे पहले फ्लाइट 7 में उड़ान भर चुका है, और यह उसकी दूसरी उड़ान थी.

पहले की कुछ उड़ानों में तकनीकी गड़बड़ियों के कारण मिशन असफल रहे थे. इस बार उड़ान ने कई महत्वपूर्ण पड़ाव सफलतापूर्वक पार किए, लेकिन लॉन्चिंग के कुछ समय बाद स्टारशिप ने अपना नियंत्रण खो दिया. इसके चलते पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करने पर यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसे हिंद महासागर में उतारने की तैयारी थी.

स्टारशिप के क्रैश होने के बाद स्पेसएक्स ने कहा कि फ्लाइट टेस्ट उम्मीद के मुताबिक सफल नहीं रहा, स्टारशिप को एक तेज अनिर्धारित विघटन का अनुभव हुआ. टीमें डेटा की समीक्षा करना जारी रखेंगी और हमारे अगले उड़ान परीक्षण की दिशा में काम करेंगी. इस तरह के परीक्षण से हम जो सीखते हैं उससे सफलता मिलती है, और आज का परीक्षण हमें स्टारशिप की विश्वसनीयता को बेहतर बनाने में मदद करेगा, क्योंकि स्पेसएक्स जीवन को बहुग्रहीय बनाने का प्रयास कर रहा है.

स्टारशिप मेगारॉकेट दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली लॉन्च व्हीकल है. इसे पृथ्वी की कक्षा, चंद्रमा, मंगल और उससे आगे तक क्रू और कार्गो ट्रांसपोर्ट के लिए डिजाइन किया गया है. यह एक सुपर हेवी बूस्टर और स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट से बना एक रियूजेबल सिस्टम है. स्टारशिप पृथ्वी पर पॉइंट-टू-पॉइंट ट्रांसपोर्ट में भी सक्षम है. इसके सफल होने से दुनिया के किसी भी कोने में एक घंटे या उससे कम समय में यात्रा करना संभव हो सकेगा.

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