भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने रूस में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने किया, ने रूस की राजधानी मॉस्को में द्विपक्षीय वार्ता की और पाकिस्तान के आतंकवाद को बढ़ावा देने पर गंभीर चिंता व्यक्त की.
रूस ने इस मौके पर भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ समझौताहीन लड़ाई का समर्थन किया और कहा कि वह भारत के रुख का समर्थन करता रहेगा.
कनिमोझी ने मॉस्को में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को बचाने का विकल्प चुनता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. उन्होंने आगे कहा, भारत बहुत स्पष्ट है कि जब तक पाकिस्तान हम पर हमला करता रहेगा, हम शांति वार्ता की मेज पर नहीं बैठेंगे.
प्रतिनिधिमंडल ने रूसी नेताओं से की बातचीत
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने रूस के प्रमुख नेताओं, जिनमें उप विदेश मंत्री आंद्रे रुडेंको, पूर्व प्रधानमंत्री मिखाइल फ्रैडकोव और संसद के उच्च स्तरीय सदस्य शामिल थे, के साथ विस्तृत बातचीत की. इन बैठकों में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क, हाल ही में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति पर विस्तृत जानकारी साझा की.
आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं
कनिमोझी ने स्पष्ट किया कि भारत का संघर्ष पाकिस्तान के आम लोगों से नहीं बल्कि वहां पनप रहे राज्य प्रायोजित आतंकवाद से है. उन्होंने भारत के विभिन्न प्रधानमंत्रियों, नेहरू, वाजपेयी और नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान से बेहतर संबंधों की कोशिशों का भी उल्लेख किया, लेकिन इस बात पर अफसोस जताया कि हर बार भारत को आतंकी हमलों का ही जवाब मिला.
प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों की राय
प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य सदस्यों ने भी अपनी राय व्यक्त की. आप नेता डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने कहा, मैं पंजाबी हूं और पाकिस्तान की यात्रा कर चुका हूं. वहां के लोग अच्छे हैं, पर सरकार और सेना भारत के खिलाफ हैं.
पूर्व राजदूत मंजीव पुरी ने कहा कि अगर पाकिस्तान की सरकार अपने क्षेत्र के आतंकी तत्वों को नियंत्रित नहीं कर सकती, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हस्तक्षेप करना चाहिए.
मॉस्को यात्रा का महत्व
रूस, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है और वैश्विक राजनीति में एक मजबूत शक्ति है. भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि रूस जैसे ताकतवर सहयोगी यह समझें कि पाकिस्तान की आतंक नीति केवल भारत नहीं बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी खतरा है.
प्रतिनिधिमंडल ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर भारत की शांति की संस्कृति को भी दर्शाया.
Honored to engage in a constructive dialogue with H.E. Mikhail Fradkov, former Prime Minister of Russia & Director of RISS, along with MPs as part of our parliamentary delegation. We discussed global security challenges and the collective fight against terrorism.@RajeevRai… pic.twitter.com/uaRHVnhI2T
— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) May 24, 2025
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