अपनों में दरार, भाजपा ने बढ़ाया हाथ: थरूर पर कांग्रेस का यू-टर्न, सरकार का भरोसा
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पाकिस्तान के आतंकवाद को वैश्विक मंचों पर बेनकाब करने के लिए केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया है। इसके तहत लगभग 40 सांसदों को सात समूहों में बांटकर विदेशी दौरों पर भेजा जाएगा। इस प्रतिनिधिमंडल में सत्ता और विपक्ष दोनों के सांसद शामिल हैं।

लेकिन, इस कवायद में एक राजनीतिक खींचतान सामने आई है। कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर को केंद्र सरकार ने एक समूह का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी है, जबकि उनकी अपनी पार्टी ने उन्हें इस मिशन के लिए नामित नहीं किया।

कांग्रेस की ओर से जारी चार सांसदों की सूची में आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम थे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे सार्वजनिक किया, जिसमें थरूर का नाम गायब था।

थरूर ने केंद्र सरकार के भरोसे को सराहा और सोशल मीडिया पर कहा कि वे पांच प्रमुख देशों की राजधानियों में भारत का दृष्टिकोण रखने जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रीय हित की बात आएगी, तो वे हमेशा आगे रहेंगे।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पार्टी द्वारा चुने गए चार सांसदों की सूची सार्वजनिक की। 16 मई को लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र भेजकर इन नामों की जानकारी दी थी। रमेश ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता से बात की थी और उनसे प्रतिनिधिमंडलों के लिए 4 सांसदों के नाम प्रस्तुत करने को कहा था।

विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस नेतृत्व और शशि थरूर के बीच यह दूरी लंबे समय से है। थरूर को अक्सर पार्टी लाइन से अलग राय रखने और उदार विचारों के लिए जाना जाता है।

ऐसे में जहाँ कांग्रेस ने उन्हें प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं बनाया, वहीं केंद्र सरकार ने उन्हें नेतृत्वकारी भूमिका में चुना। इससे सवाल उठता है कि क्या थरूर की राष्ट्रीय स्वीकार्यता और अंतरराष्ट्रीय अनुभव को उनकी पार्टी पर्याप्त महत्व नहीं दे रही।

शशि थरूर 1978 से 2007 तक संयुक्त राष्ट्र में सेवा दे चुके हैं। वे 2001 में संचार एवं जन सूचना के लिए अवर महासचिव बने थे। 2006 में महासचिव पद की दौड़ में दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें एक अनुभवी राजनयिक, लेखक और राजनेता के रूप में जाना जाता है।

23 मई से शुरू हो रहे इस 10 दिन के विदेश दौरे में सांसदों की टीम अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, जापान और दक्षिण अफ्रीका जैसे मुख्य साझेदार देशों में जाएगी। हर एक में 7 से 8 सांसद होंगे और हर डेलीगेशन 4-5 देशों का दौरा करेगा।

इस मिशन में शशि थरूर (कांग्रेस), रविशंकर प्रसाद (भाजपा), संजय झा (जेडीयू), बैजयंत पांडा (भाजपा), कनिमोझी (DMK), सुप्रिया सुले (NCP) और श्रीकांत शिंदे (शिवसेना) शामिल हैं।

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