भारत और बलूचिस्तान के बीच क्रिकेट मैच! बलूच नेता की अनोखी पेशकश
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बलूचिस्तान के नेता मीर यार बलूच ने भारत और बलूचिस्तान के बीच एक दोस्ताना क्रिकेट मैच का प्रस्ताव रखा है. यह प्रस्ताव भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच आया है, क्योंकि बलूचिस्तान ने खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया है.

मीर यार बलूच ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि यह मैच जल्द ही दिल्ली या बलूचिस्तान के ग्वादर में खेला जाएगा. उनकी इस घोषणा ने सोशल मीडिया पर काफी ध्यान आकर्षित किया है.

बलूचिस्तान में हाल के दिनों में स्वतंत्रता आंदोलन ने जोर पकड़ा है. बलूच नेता और संगठन पाकिस्तान के खिलाफ खुले तौर पर विरोध कर रहे हैं और अपने लिए एक स्वतंत्र राष्ट्र की मांग कर रहे हैं.

मीर यार बलूच का सोशल मीडिया पोस्ट, जिसमें उन्होंने लिखा, बहुत जल्द ही बलूचिस्तान और भारत क्रिकेट टीमों के बीच दिल्ली या ग्वादर में एक दोस्ताना मैच खेला जाएगा. और सभी लोग मिलकर इस मैच का आनंद लेंगे... इस पोस्ट पर भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स ने जमकर प्रतिक्रिया दी है और बलूच आंदोलन को समर्थन भी मिल रहा है.

बलूच नेताओं ने एक बार फिर पाकिस्तान से अलग होने की घोषणा की है. यह कदम बलूचिस्तान में दशकों से हो रही हिंसा, जबरन गायब किए जाने और मानवाधिकार उल्लंघनों के विरोध में उठाया गया है. सोशल मीडिया पर Republic of Balochistan ट्रेंड कर रहा है और स्वतंत्र बलूच राष्ट्र के झंडे और नक्शे वायरल हो रहे हैं.

मीर यार बलूच ने कहा, पाकिस्तान अधिकृत बलूचिस्तान में बलूच लोग सड़कों पर हैं और यह उनका राष्ट्रीय फैसला है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है और दुनिया अब और मूक दर्शक नहीं रह सकती. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से बलूचिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की अपील की.

उन्होंने भारत के लोगों और मीडिया से भी आग्रह किया कि वे बलूच लोगों को पाकिस्तान के अपने लोग न कहें. मीर यार ने कहा, प्रिय भारतीय देशभक्त मीडिया, यूट्यूब साथियों, भारत की रक्षा के लिए लड़ने वाले बुद्धिजीवियों को सुझाव है कि वे बलूचियों को पाकिस्तान के अपने लोग न कहें. हम पाकिस्तानी नहीं, बलूचिस्तानी हैं.

उन्होंने आगे कहा कि पंजाबियों को पाकिस्तान का असली नागरिक कहा जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने न बमबारी झेली है, न जबरन गायब होने की त्रासदी.

बलूचिस्तान में संघर्ष अपने चरम पर है. बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने Operation Herof 2.0 के तहत 78 समन्वित हमले किए हैं, जिनमें सैन्य ठिकानों और सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया है. यह आंदोलन अब सिर्फ बंदूकों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एक सार्वजनिक, जोरदार और संगठित विद्रोह बन चुका है.

मीर यार ബലൂച്ച് ने यह भी कहा कि बलूचिस्तान ने 11 अगस्त 1947 को ही स्वतंत्रता की घोषणा कर दी थी, जब ब्रिटिश भारत छोड़ रहे थे. उन्होंने पाकिस्तान से PoJK को खाली करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसे एक और शर्मनाक पराजय झेलनी पड़ सकती है.

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