चलती बस बनी आग का गोला, एक चिंगारी ने ली 5 जानें
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लखनऊ के बाहरी इलाके में एक दर्दनाक घटना घटी, जहाँ दिल्ली से बिहार जा रही एक प्राइवेट स्लीपर बस में अचानक आग लग गई। इस हादसे में पांच लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। यह घटना मोहनलालगंज के पास किसान पथ पर हुई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जलती हुई बस लगभग एक किलोमीटर तक सड़क पर दौड़ती रही और यात्री जान बचाने के लिए चिल्लाते रहे। आग इंजन से उठी बताई जा रही है।

बस मंगलवार देर रात दिल्ली से बिहार के लिए रवाना हुई थी। बस में करीब 40 से 45 यात्री सवार थे। रात लगभग डेढ़ बजे जब बस लखनऊ के बाहरी इलाके मोहनलालगंज से गुजर रही थी तभी अचानक उसमें धुआं भरने लगा।

आग सबसे पहले बस के इंजन वाले हिस्से से लगी और देखते ही देखते पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। ड्राइवर और कंडक्टर अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए तुरंत कूदकर मौके से फरार हो गए।

बस में धुआं भरने के समय ज्यादातर यात्री गहरी नींद में सो रहे थे। अचानक मची अफरा-तफरी में कई लोग अपनी सीटों से उठ भी नहीं पाए। ड्राइवर के केबिन में एक अतिरिक्त सीट लगी होने के कारण इमरजेंसी में निकलने का रास्ता भी बाधित हो गया जिससे यात्री अंदर ही फंस गए।

आसपास के स्थानीय लोग सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और बस की खिड़कियों को तोड़कर यात्रियों को बाहर निकालने की कोशिश करने लगे। लेकिन आग की लपटें इतनी तेजी से फैल चुकी थीं कि कुछ यात्रियों को बचाया नहीं जा सका।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस में आग लगने के बाद ड्राइवर ने गाड़ी रोकने की बजाय उसे कुछ दूरी तक चलाते रहने की कोशिश की जिससे आग और भी तेजी से फैल गई। आग की लपटें इतनी ऊंची थीं कि उन्हें एक किलोमीटर दूर से भी साफ देखा जा सकता था।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने परिवहन विभाग को आदेश दिया है कि वह राज्य के सभी निजी बस ऑपरेटरों की सुरक्षा व्यवस्था की तत्काल समीक्षा करे और कमियों को दूर करे।

स्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। आग बुझने के बाद बस के अंदर से पांच बुरी तरह जले हुए शव बरामद किए गए जिनकी पहचान करना भी मुश्किल हो रहा है।

इस भीषण हादसे के बाद ड्राइवर और कंडक्टर के फरार होने से ट्रैवल कंपनी की लापरवाही और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। यात्रियों ने आरोप लगाया है कि बस में न तो सही अग्निशमन उपकरण मौजूद थे और न ही कोई आपातकालीन निकास द्वार।

हादसे की खबर मिलते ही मृतकों और घायलों के परिजनों के फोन बस ऑपरेटरों के पास आने लगे। बाद में पुलिस ने मृतकों और घायलों की सूची जारी की जिसके बाद पीड़ित परिवारों में मातम छा गया।

स्थानीय प्रशासन अब शवों की शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया शुरू कर रहा है। यह घटना निजी बस ऑपरेटरों की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करती है और सरकार को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

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