ऑपरेशन सिंदूर: विपक्ष को ब्रीफिंग, राहुल गांधी भी शामिल - आतंक के खिलाफ एकजुट भारत
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केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विपक्षी नेताओं को हाल ही में किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. यह सैन्य कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे.

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक में मौजूद नहीं थे, लेकिन विपक्ष ने इस कार्रवाई पर सरकार को पूरा समर्थन दिया और सेना की बहादुरी की सराहना की. बैठक में शामिल केंद्रीय मंत्रियों और विपक्षी नेताओं को ऑपरेशन के उद्देश्यों, टारगेट्स और भारत की तैयारियों की जानकारी दी गई.

बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई प्रमुख नेता उपस्थित थे. यह बैठक देश की सुरक्षा को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच एक दुर्लभ एकजुटता का प्रतीक बनी.

आतंक के खिलाफ करारा प्रहार

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक और सुनियोजित हमले किए. इन ठिकानों से जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के जुड़ाव की पुष्टि हुई थी.

सरकार ने इस कार्रवाई को मापी गई, असंवेदनशीलता से दूर, संतुलित और जिम्मेदार करार दिया है. उद्देश्य था आतंक की जड़ों पर प्रहार करना और भविष्य में किसी भी प्रकार के सीमा-पार हमलों को रोकना.

संसद में बोले किरेन रिजिजू

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद पहुंचने के बाद मीडिया से कहा, हमारे देश ने एक बड़ी कार्रवाई की है. हमने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई है. हमें सभी दलों को स्थिति से अवगत कराना चाहिए क्योंकि यह सरकार की जिम्मेदारी है. प्रधानमंत्री ने हमें ऐसा करने का निर्देश दिया है. पूरा देश सेना के साथ है.

विपक्ष को दी विस्तृत जानकारी

सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर के पीछे की रणनीति, नष्ट किए गए टारगेट्स और पाकिस्तान की संभावित जवाबी कार्रवाई से निपटने की भारत की तैयारियों के बारे में बताया गया. बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और किरेन रिजिजू भी उपस्थित थे.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री कम से कम कल की सर्वदलीय बैठक में जरूर मौजूद रहेंगे. हमने 24 अप्रैल को भी प्रधानमंत्री की मौजूदगी की मांग की थी, लेकिन वह नहीं आए. उन्हें कम से कम इस बार आना चाहिए.

राजनीतिक दलों में दिखी एकता

इस सैन्य कार्रवाई पर राजनीतिक दलों ने एक सुर में सेना की तारीफ की और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को अपना पूरा समर्थन देने का भरोसा जताया. कांग्रेस, वामपंथी दल, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) जैसे दलों ने इस अभियान की खुलकर सराहना की.

देशभर में मॉक ड्रिल और सुरक्षा अभ्यास

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए देशभर में सुरक्षा एजेंसियों ने मॉक ड्रिल्स आयोजित कीं. इन ड्रिल्स में हवाई हमले, बम धमाकों और बचाव कार्यों की स्थिति को दर्शाया गया. दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल समेत कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह अभ्यास किया गया.

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