भारत का पलटवार: आतंक के 9 ठिकानों का वीडियो जारी, अंदर का सच हुआ उजागर!
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भारतीय सेना ने पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर देने का वीडियो जारी किया है। यह कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई है, जो पहलगाम हमले का बदला है।

सेना ने पहले अब्बास आतंकी शिविर का वीडियो जारी किया था, जिसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया था। अब, सेना ने ट्विटर पर 9 और वीडियो शेयर किए हैं, जिनमें आतंकियों के शिविरों को धूल में मिलाते हुए दिखाया गया है।

अब्बास कैंप (कोटली), जो एलओसी से 13 किलोमीटर दूर था, लश्कर ए तैयबा के फिदायीन तैयार करने का अड्डा था। इसमें 50 आतंकियों को ट्रेनिंग देने की क्षमता थी।

भारतीय सेना ने मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, कोटली, बाघ, गुलपुर, भिंबेर और शकरगढ़ के आतंकी शिविरों पर हमलों के वीडियो भी जारी किए हैं।

पहलगाम हमले के ठीक 15 दिन बाद, भारत ने इन ठिकानों पर रात 1:44 बजे हमला किया। इस ऑपरेशन का नाम उन महिलाओं को समर्पित है जिनके पतियों की 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने हत्या कर दी थी।

मरकज सुभान अल्लाह आतंकी शिविर, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है, जैश ए मोहम्मद का मुख्यालय है। भारतीय सेना के अनुसार, 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा बम विस्फोट सहित कई आतंकवादी हमलों की योजना यहीं बनाई गई थी और हमलावरों ने इसी शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त किया था।

पाक पंजाब के शेखपुरा में स्थित मरकज तैय्यबा, मुरीदके, 2000 में स्थापित किया गया था और यह लश्करे तैयबा का मुख्य प्रशिक्षण और वैचारिक केंद्र था।

नारोवाल में सरजल/तेहरा कलां आतंकी शिविर, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए जैश ए मोहम्मद का एक प्राथमिक लॉन्चिंग पैड था। इसे दुनिया की नज़रों से छुपाने के लिए एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भीतर बनाया गया था।

सियालकोट में मेहमुना जोया आतंकी शिविर हिज्बुल मुजाहिदीन द्वारा संचालित था और यह कोटली भुट्टा सरकारी अस्पताल के पास स्थित था। पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा समर्थित, इस शिविर को अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ सरकारी परिसरों के भीतर गुप्त रूप से स्थापित किया गया था।

मरकज अहले हदीस, बरनाला भिम्बर, पीओजेके में स्थित है। यह पुंछ-राजौरी-रियासी क्षेत्र में घुसपैठ के लिए लश्करे तैयबा द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा एक रणनीतिक शिविर है।

कोटली में अब्बास आतंकी शिविर जैश ए मोहम्मद का शिविर था और कोटली सैन्य शिविर से लगभग 2 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित था।

कोटली में ही मास्कर राहिल शाहिद आतंकी शिविर स्थित है, जो एक पुराना हरकत उल मुजाहिदीन का शिविर था। पहाड़ियों में स्थित इस शिविर में बैरक, हथियार भंडारण कक्ष, कार्यालय और आतंकवादियों के लिए आवासीय क्वार्टर शामिल थे।

मुजफ्फराबाद में शवाई नाला शिविर लश्करे तैयबा के लिए आतंकवादियों की भर्ती, पंजीकरण और प्रशिक्षण के लिए उपयोग किया जाने वाला एक प्रमुख शिविर था और 2000 के दशक की शुरुआत से ही सक्रिय था।

मुजफ्फराबाद में ही मरकज सैयदना बिलाल आतंकी शिविर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जैश ए मोहम्मद का मुख्य केंद्र है और लाल किले के सामने स्थित है। यह शिविर जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराने से पहले जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों के लिए शिविर के रूप में कार्य करता है। किसी भी समय, 50-100 आतंकवादी इस शिविर में रहते हैं।

भारतीय सेना ने इन सभी ठिकानों को अब पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।

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