सिंधु नदी का जल संकट: पाकिस्तान में सूखे की आहट!
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पाकिस्तान जल संकट से जूझ रहा है, और इसकी वजह से हालात बदतर होते जा रहे हैं। भारत से पाकिस्तान में बहने वाली 6 नदियां अब एक नया इतिहास लिख रही हैं।

पहली बार सिंधु और उससे जुड़ी नदियों की नई कहानी लिखी जा रही है। पाकिस्तान के पास टैंक, तोप और मिसाइलें तो हैं, लेकिन पीने का पानी नहीं है। युद्ध से पहले ही पाकिस्तान का गला सूखने लगा है।

भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध के माध्यम से पानी का प्रवाह रोक दिया है। बगलिहार बांध के गेट बंद करके चिनाब नदी का प्रवाह पाकिस्तान की ओर कम कर दिया गया है।

बगलिहार बांध के गेट बंद करने से चिनाब नदी का प्रवाह 90 फीसदी तक कम हो गया है। चिनाब नदी के किनारे रहने वाले भारतीय लोगों का कहना है कि उन्होंने 60 साल में पहली बार चिनाब नदी में इतना कम पानी देखा है। जिस चिनाब नदी में 27 से 30 फीट तक पानी होता था, वहां अब केवल पत्थर दिख रहे हैं।

बगलिहार बांध चिनाब नदी पर रामबन में बना है। इसे बनाने का काम 1999 में शुरू हुआ था और यह 2008 में बनकर तैयार हुआ था। इस बांध की पानी स्टोर करने की क्षमता 475 मिलियन क्यूबिक मीटर है। यह एक हाइड्रो इलेक्ट्रिक बांध है, जिसकी 900 मेगावॉट बिजली बनाने की क्षमता है। भारत ने पाकिस्तान को बिना बताए पहली बार बगलिहार बांध को बंद कर दिया है।

चिनाब नदी में पानी गायब हो चुका है और केवल पत्थर दिख रहे हैं। पाकिस्तान की सिंधु रिवर सिस्टम अथॉरिटी की डेली रिपोर्ट के मुताबिक, 25 अप्रैल को चिनाब नदी पाकिस्तान के सियालकोट के मरला बांध पर 16087 क्यूसेक की दर से बह रही थी। 2 मई को जब बाढ़ की खबर आई थी, तब सियालकोट के मरला बांध पर चिनाब नदी 31834 क्यूसेक की दर से बढ़ रही थी। 3 मई को यह बढ़कर 66548 क्यूसेक की दर हो गई थी। लेकिन आज यानी 5 मई को पाकिस्तान के सियालकोट में मरला बांध पर चिनाब नदी का फ्लो घटकर महज 11423 क्यूसेक हो चुका है। 22 अप्रैल के बाद यह सबसे कम है।

चिनाब नदी पर बने सलाल बांध के सभी गेट बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध को भी बंद करने की योजना है।

चिनाब और सिंधु नदी पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो देश की कृषि का सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं। पाकिस्तान में सिंधु नदी प्रणाली पर 10 से ज्यादा बांध बने हुए हैं।

सिंधु जल संधि के तहत सिंधु बेसिन की तीन पूर्वी नदियों रावी, ब्यास और सतलुज का पानी भारत को आवंटित किया गया। तीन पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब के जल का 80 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान को आवंटित किया गया था। पंजाब में सिंधु नदी प्रणाली पर 20 से ज्यादा बांध बने हुए हैं।

पाकिस्तान के चार प्रांत में से 2 प्रांत, पंजाब और सिंध की जीवन रेखा सिंधु नदियां ही है। पाकिस्तान में पंजाब और सिंध के बीच पानी को लेकर लगातार झगड़े होते रहते हैं। पिछले दिनों सिंध में पानी की वजह से ही हिंसक झड़प भी हुई थी।

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