GCAP में भारत को न्योता: छठी पीढ़ी के फाइटर जेट प्रोजेक्ट से पाकिस्तान-चीन की बढ़ी टेंशन!
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पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान से तनाव के बीच, भारत को एक ऐसा प्रस्ताव मिला है जो निश्चित रूप से पाकिस्तान की टेंशन बढ़ा देगा. भारत को इटली, जापान और ब्रिटेन के एक साझा विमान प्रोजेक्ट, ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम (GCAP) से जुड़ने का ऑफर मिला है.

यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसका उद्देश्य एक छठी पीढ़ी (6th Gen Fighter Aircraft) को डेवलप करना है. फिलहाल, इस जेनरेशन का एक भी एयरक्राफ्ट ऑपरेशनल तौर पर मौजूद नहीं है. चीन ने दावा तो किया है कि उसने J-36 नाम का 6th जेनरेशन एयरक्राफ्ट बना लिया है, लेकिन यह खबर केवल दावों और कुछ तस्वीरों तक ही सीमित है. ऐसे में भारत को मिले इस ऑफर को काफी अहम माना जा रहा है.

GCAP एक छठी पीढ़ी के विमान का प्रोग्राम है. यह इटली, जापान और ब्रिटेन का साझा प्रोजेक्ट है जिसका उद्देश्य उनके पुराने फाइटर जेट्स Eurofighter Typhoon को रिप्लेस करना है. इस प्रोग्राम को इटैलियन कंपनी लियोनार्डो, जापानी कंपनी मित्शुबिशी और ब्रिटेन की BAE सिस्टम्स लीड कर रही हैं.

जापान के सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत को इसमें चौथे पार्टनर के रूप में आमंत्रित किया गया है. यह न्योता जापान की पहल पर आया है, जो भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर है. GCAP में नए पार्टनर्स को जोड़कर देशों के बीच डिफेंस और इंडस्ट्रियल आधार को मजबूत करना है. इससे प्रोग्राम में लगने वाले समय और लागत में भी कमी आएगी. पहले स्वीडन GCAP प्रोग्राम से जुड़ा था, लेकिन नवंबर 2023 में उसने GCAP से हाथ खींच लिए.

स्वीडन के बाद सऊदी अरब ने इस प्रोग्राम में साझेदारी करने की इच्छा जताई है. हालांकि जापान ने कथित तौर पर सऊदी अरब की एंट्री का विरोध किया है. जापान ने किसी भी नए पार्टनर के लिए तीन मौजूदा सदस्यों - ब्रिटेन, जापान और इटली की सर्वसम्मति से स्वीकृति की जरूरत पर जोर दिया है. इससे पहले जर्मनी भी GCAP में संभावित पार्टनरशिप के लिए एक अप्रत्याशित उम्मीदवार के रूप में उभरा था, लेकिन जर्मनी के जुड़ने की खबरों की कोई पुष्टि अभी तक नहीं हुई है.

GCAP की खासियत

भारत के विरोधी, चीन और पाकिस्तान में उन्नत लड़ाकू विमानों का डेवलपमेंट या अधिग्रहण जारी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन अब दो स्टेल्थ लड़ाकू विमानों को ऑपरेट करने के लिए तैयार है. खबरें ये भी हैं कि पाकिस्तान, चीन से J-35 स्टेल्थ विमान खरीदेगा. इस लिहाज से भारत के लिए यह प्रोग्राम और भी अहम हो जाता है. यह विमान स्टेल्थ तकनीक के अलावा और भी कई उन्नत फीचर्स से लैस होगा.

इस एयरक्राफ्ट में डायरेक्ट एनर्जी वेपन, ऑगमेंटेड रिएलिटी कॉकपिट, बायोमेट्रिक और साइको-एनालिस्ट सिस्टम, लॉयल विंगमैन कॉन्सेप्ट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे फीचर्स शामिल होंगे.

भारत का स्टेल्थ विमान

भारत का पड़ोसी चीन स्टेल्थ तकनीक विकसित कर चुका है और वह इसे पाकिस्तान को बेचने की तैयारी कर रहा है. ऐसे में भारत के लिए जरूरी है कि वह अपने फाइटर जेट्स और हथियारों को अप-टू-डेट रखे.

भारत का स्टेल्थ अब भी डेवलपिंग स्टेज में है. भारत में बन रहे स्टेल्थ फाइटर जेट को Advance Medium Combat Aircraft (AMCA) नाम दिया गया है. इस प्रोजेक्ट की फर्स्ट फ्लाइट 2028 तक होने की उम्मीद है. दूसरी तरफ GCAP इससे भी एक पीढ़ी आगे का विमान है.

भारत की ओर से अब तक GCAP पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत अमेरिका से F-35 खरीदता है, रूस से Su-57 खरीदता है, खुद के AMCA प्रोजेक्ट पर जोर देता है या GCAP जैसे बड़े प्रोजेक्ट में जुड़ता है.

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