भारत की ऐतिहासिक धरोहर कोहिनूर हीरा इन दिनों चर्चा में है. भारत ने हाल ही में ब्रिटेन से इसे वापस करने की मांग की थी. अब इस मामले में ब्रिटेन का जवाब आया है.
ब्रिटेन की संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री लिसा नंदी ने भारत के साथ सांस्कृतिक वस्तुओं के सहयोग को लेकर बातचीत की है. उनके इस बयान के बाद कोहिनूर हीरे की वापसी की मांग फिर से सुर्खियों में आ गई है.
लिसा नंदी, जो इस हफ्ते अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत के दौरे पर आई थीं, ने कहा कि ब्रिटेन सांस्कृतिक कलाकृतियों तक साझा पहुंच के संबंध में सहयोग करने के लिए भारत के साथ बातचीत कर रहा है. नंदी ने यह बयान कोहिनूर हीरे को लौटाने की भारत की मांग के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में दिया.
दरअसल, 108 कैरेट का कोहिनूर हीरा 1849 में महाराजा दुलीप सिंह ने महारानी विक्टोरिया को दिया था. इसे महारानी मां ने 1937 में अपने मुकुट पर पहना था.
नंदी ने बताया, हम काफी समय से ब्रिटेन और भारत के बीच इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि हम किस तरह से एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर सकते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ब्रिटेन और भारत दोनों के लोग अलग-अलग युग की सांस्कृतिक कलाकृतियों से लाभान्वित हो सकें और उन तक उनकी पहुंच हो सके. इस बारे में मैंने अपने समकक्ष के साथ चर्चा की है.
उन्होंने अपनी दिल्ली यात्रा और भारत के साथ सांस्कृतिक और खेल क्षेत्रों में गहरी होती साझेदारी की भी पुष्टि की.
नंदी ने आगे कहा, रचनात्मक उद्योगों में, यूके और भारत वास्तव में बेहतरीन हैं, चाहे वह फिल्म, फैशन, टीवी, संगीत, गेमिंग हो. हम इन चीजों में वास्तव में अच्छे हैं, और हम उनमें से कई उत्पादों को दुनिया भर में निर्यात करते हैं, लेकिन हम जानते हैं कि सहयोग के जरिए से हम और अधिक कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, हमारा साइंस म्यूजियम समूह संयुक्त सहयोग, संयुक्त प्रदर्शनियों, विभिन्न वस्तुओं के दौरे के लिए यहां राष्ट्रीय संग्रहालय विज्ञान संग्रहालय समूह के साथ काम कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत और ब्रिटेन के लोग वास्तव में इससे लाभान्वित हो सकें. हमें लगता है कि यह एक मॉडल है कि कैसे हम अन्य सभी रचनात्मक उद्योगों में भी अधिक निकटता से सहयोग कर सकते हैं.
दोनों देशों ने सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. ब्रिटेन प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही नंदी ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ एक नए सांस्कृतिक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन-भारत कल्चरल कोऑपरेशन प्रोग्राम का मकसद आर्ट और हेरिटेज के जरिए से दोतरफा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है. साथ ही, दोनों देशों में रचनात्मक पेशेवरों और सांस्कृतिक संस्थानों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को प्रोत्साहित करना है.
ब्रिटेन, हेरिटेज कंजर्वेशन, म्यूजियम मैनेजमेंट और संग्रहों के डिजिटलीकरण से बेस्ट प्रैक्टिस और एक्सपर्टस का सपोर्ट करने के लिए भारत के साथ काम करेगा.
नए समझौते के अमल में भारत में ब्रिटिश काउंसिल और भारतीय संस्कृति मंत्रालय शामिल होंगे. इसमें आर्ट काउंसिल इंग्लैंड, ब्रिटिश लाइब्रेरी, ब्रिटिश म्यूजियम, नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम, साइंस म्यूजियम ग्रुप और वी एंड ए म्यूजियम समेत प्रमुख यूके सांस्कृतिक संस्थान शामिल होंगे.
#WATCH | Delhi | On any communication between India & UK on Kohinoor , UK Secretary of State for Culture, Media and Sport, Lisa Nandy says, We ve been talking between the UK and India for quite some time about the way that we think we can collaborate much more closely together… pic.twitter.com/Gn0ZPAjRBX
— ANI (@ANI) May 3, 2025
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