नैनीताल, उत्तराखंड एक बार फिर एक घिनौनी घटना से शर्मसार हो गया है। एक 65 वर्षीय व्यक्ति, मोहम्मद उस्मान, पर 12 साल की नाबालिग हिंदू बच्ची के साथ दरिंदगी का आरोप लगा है। इस घटना ने पूरे इलाके में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है।
इस घटना के विरोध में हिंदूवादी संगठन सड़कों पर उतर आए हैं। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं और उन्मादियों के खिलाफ सड़कों पर खुली भिड़ंत की खबरें हैं। पुलिस प्रशासन के आगे लोगों का धैर्य जवाब दे गया है। विरोध में महिलाओं की भी भारी संख्या में भागीदारी है। पूरा हिंदू समाज एकजुट होकर सवाल कर रहा है कि क्या देवभूमि अब राक्षसों की शरणस्थली बनती जा रही है?
पीड़िता के परिजनों ने जब बच्ची को मेडिकल के लिए अस्पताल ले जाने की कोशिश की, तो यह खबर आग की तरह पूरे नैनीताल में फैल गई। कुछ ही देर में हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारी कोतवाली पहुंच गए। लोगों को जैसे ही मामले की जानकारी मिली, मल्लीताल की सड़कों पर भारी भीड़ जमा हो गई।
बताया जा रहा है कि जब कुछ लोगों ने पीड़िता और उसके परिवार को बचाने की कोशिश की तो उन पर भी डंडे चलाए गए। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि पुलिस को भारी बल तैनात करना पड़ा। उपद्रव पर नियंत्रण के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया, जिसमें कई लोगों के घायल होने की आशंका जताई जा रही है। बढ़ते तनाव को देखते हुए मल्लीताल से तल्लीताल तक का बाजार बंद कर दिया गया। सांप्रदायिक तनाव की स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर बुला लिया गया है।
गुस्साई भीड़ ने मल्लीताल कोतवाली को घेर लिया और आरोपी मोहम्मद उस्मान को उनके हवाले करने की मांग करने लगी। कोतवाली के बाहर ही धरना शुरू हो गया। हंगामे के बाद मल्लीताल से तल्लीताल तक मुस्लिम समुदाय की दुकानों ने अपने-आप ताले जड़ लिए। देर रात तक लोग कोतवाली के बाहर आरोपी मोहम्मद उस्मान को सौंपने की मांग करते रहे और जमकर नारेबाजी हुई।
हालात बेकाबू होते देख एसपी डॉ. जगदीश चंद्र समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत करने का प्रयास किया।
पीड़िता की मां रिश्तेदारी में कहीं बाहर गई थी। पति और बच्चे यहीं थे। अपने घर का कामकाज कराने के लिए तीन दिन पहले उस्मान ने महिला की बेटी को अपने यहां बुला लिया था और उसे 200 रुपये भी दिए थे। आरोप है कि अगले दिन वह किशोरी को अपनी कार में ले गया और दुष्कर्म किया। उसने किशोरी को शहर की एक प्रमुख रोड पर उतार दिया।
आरोपी उस्मान का बेटा यहां के सरकारी अस्पताल में ही डॉक्टर है। जब उसी अस्पताल में किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराने की तैयारी की गई तो भीड़ आक्रोशित हो गई। भीड़ में कुछ लोगों का कहना था कि इस अस्पताल में किसी सूरत में मेडिकल परीक्षण सही नहीं होगा और किसी और विकल्प पर विचार किया जाए।
पुलिस शांति व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रही है और आसपास के थानों से पुलिस बुला ली गई है। पीड़िता का मेडिकल कराया जा रहा है। देर रात हंगामे के बाद पुलिस प्रशासन के अधिकारी गुस्साई भीड़ को शांत करने में सफल रहे। पुलिस अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि आरोपी के खिलाफ कड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
अब सवाल उठता है कि क्या देवभूमि में अब हमारी बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं?
*नैनीताल में 65 वर्षीय मोहम्मद उस्मान की करतूत पर उबल पड़ा उत्तराखंड.
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) May 1, 2025
देवभूमि में 12 साल की देवी (नाबालिग हिन्दू बच्ची) दरिंदगी का शिकार.
ढाई मोर्चे के खिलाफ घरों से निकल पड़े सन्तात्नी. उन्मदियो से सड़कों पर भिड़ंत.
पुलिस के आगे खोया धैर्य.. आक्रोशितों में महिलाएं भी शामिल.… pic.twitter.com/7At3tMXSFm
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