पहलगाम हमले पर अमेरिका सक्रिय, भारत-पाक से की बात, क्या बदल गया ट्रंप सरकार का रुख़?
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अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों से बात कर तनाव कम करने की अपील की है.

रूबियो ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भारत को पाकिस्तान के साथ मिलकर तनाव कम करने के लिए काम करने को कहा. उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ से आतंकवादी हमले की निंदा करने और जांच में सहयोग करने का आग्रह किया.

भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है, जबकि पाकिस्तान ने आरोपों को खारिज किया है.

जानकारों के अनुसार, अफगानिस्तान से निकलने के बाद दक्षिण एशिया में अमेरिका की रुचि कम हुई है और विदेश नीति प्राथमिकताएं बदली हैं. अब उसका ध्यान टैरिफ़ और साउथ चाइना सी पर अधिक है.

भारत ने हाल ही में पाकिस्तानी विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है. पहलगाम हमले के बाद यह पहली बार है कि वॉशिंगटन ने इतने उच्च स्तर पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों से बात की है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कॉल की जानकारी दी, जबकि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि अमेरिका कश्मीर के हालात पर दोनों देशों से बात कर रहा है और तनाव न बढ़ाने की अपील कर रहा है.

रूबियो ने दोनों देशों से जवाबदेह समाधान का आग्रह किया. विदेश विभाग ने हमले को आतंकी और अविवेकपूर्ण बताया. रूबियो ने पाकिस्तान से हमले की निंदा करने और जांच में सहयोग करने को कहा.

अमेरिकी मंत्रालय के अनुसार, रूबियो ने एस जयशंकर से पहलगाम में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने भारत को पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया.

रॉयटर्स के अनुसार, रूबियो ने दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसी देशों से तनाव कम करने, सीधी बातचीत शुरू करने और शांति बनाए रखने और जवाबदेह समाधान के लिए मिलकर काम करने की अपील की.

पाकिस्तान ने कहा कि शहबाज़ शरीफ़ ने रूबियो से बातचीत में सिंधु जल समझौते का मुद्दा भी उठाया और भड़काऊ बयान देने से बचने का भारत पर दबाव डालने के लिए अमेरिका से अपील की है.

शरीफ़ ने पहलगाम हमले में पाकिस्तान को जोड़े जाने के भारतीय दावे को ख़ारिज किया और निष्पक्ष जांच कराने के पाकिस्तान के पक्ष को दोहराया.

हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जबकि पाकिस्तान ने शिमला समझौते समेत सभी द्विपक्षीय संबंधों को स्थगित करने का एलान किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज़िम्मेदार लोगों को कल्पना से भी परे सज़ा देने की बात कही थी. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय सेना को सैन्य कार्रवाई की पूरी छूट दी गई है. पाकिस्तान का कहना है कि भारत की ओर से सैन्य कार्रवाई आसन्न है.

ट्रंप ने ताज़ा विवाद को दोनों देशों के बीच पुराना विवाद बताया और जल्द ही कोई समाधान निकालने की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के नेता इस तनाव का कोई समाधान ज़रूर निकाल लेंगे.

विदेश नीति के जानकारों का कहना है कि अमेरिका इस समय अपनी विदेश नीति को लेकर उलझा हुआ है और दक्षिण एशिया की बजाय हिंद प्रशांत क्षेत्र की भू राजनीति में उसकी अधिक दिलचस्पी है. यहां कोई गंभीर रुख़ अभी तक सामने नहीं आया है.

एक्सपर्ट का कहना है कि मौजूदा समय में अमेरिका अपनी विदेश नीति को लेकर उलझा हुआ है. अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रोफ़ेसर हर्ष पंत का कहना है कि अमेरिका की ओर से अभी तक कोई ठोस पहल दिख नहीं रही है.

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