22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक घायल हो गए। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रजिस्टेंट फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
24 अप्रैल, 2025 को नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, और अन्य दलों के नेता शामिल हुए।
बैठक में सरकार ने पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक होने की बात स्वीकार की। विपक्ष ने इस चूक पर सरकार से तीखे सवाल उठाए।
गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में माना कि पहलगाम हमले में सुरक्षा में लापरवाही हुई। उन्होंने कहा, अगर कुछ नहीं हुआ होता, तो हम आज यहां क्यों बैठे होते?
शाह ने बताया कि बैसारन मैदान, जहां हमला हुआ, आमतौर पर जून में अमरनाथ यात्रा शुरू होने पर खुलता है। उस समय वहां सुरक्षा बल तैनात किए जाते हैं। लेकिन इस बार स्थानीय टूर ऑपरेटर्स ने बिना प्रशासन को सूचित किए 20 अप्रैल से पर्यटकों को वहां ले जाना शुरू कर दिया। स्थानीय अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं थी, जिसके कारण वहां सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं थी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल उठाया, तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद यह चूक कैसे हुई? पीएम मोदी का ऐसी महत्वपूर्ण बैठक में मौजूद न होना खेदजनक है, क्योंकि उनका फैसला अंतिम होता है। उन्होंने सरकार की त्वरित कार्रवाई में देरी पर भी सवाल उठाए, लेकिन कहा, देश के हित में हम सरकार के हर फैसले का समर्थन करेंगे।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पूछा, हमले वाली जगह पर सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं थे? इंटेलिजेंस फेलियर की जवाबदेही कौन लेगा? उन्होंने सरकार से मांग की कि भविष्य में ऐसी चूक न हो और कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, बैसारन मैदान में CRPF क्यों नहीं थी? त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) को पहुंचने में एक घंटा क्यों लगा? आतंकियों ने धर्म पूछकर हत्याएं क्यों कीं? उन्होंने कश्मीरी छात्रों और नागरिकों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करने की मांग की। ओवैसी ने सिंधु जल संधि निलंबन का स्वागत किया, लेकिन पूछा, हम पानी कहां रखेंगे?
अमित शाह ने बताया कि जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई है। उन्होंने कहा, हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, सभी दलों ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का समर्थन किया। खुफिया ब्यूरो (IB) और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने 15 मिनट का प्रजेंटेशन देकर बताया कि चूक कहां हुई। रिजिजू ने जोड़ा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम हैं।
सभी दलों ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार के कदमों का समर्थन किया। राहुल गांधी ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। खड़गे ने जोर दिया कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिलना चाहिए। ओवैसी ने सुझाव दिया कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत पाकिस्तान के खिलाफ हवाई और नौसैनिक नाकाबंदी या हथियार बिक्री पर प्रतिबंध जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।
*#WATCH | Delhi: After the all-party meeting, Union Minister Kiren Rijiju says, ...Everyone has agreed that India should fight against terrorism unitedly. India has taken strong action against terrorism in the past and will continue to do so. This has been discussed in the… pic.twitter.com/KpL25kFDoN
— ANI (@ANI) April 24, 2025
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