यमन के तेल बंदरगाह रास ईसा पर अमेरिका ने हवाई हमला किया है। इस बंदरगाह पर हूती विद्रोहियों का कब्जा था। हूतियों का दावा है कि अमेरिकी हवाई हमले में 38 लोग मारे गए हैं और 102 अन्य घायल हुए हैं। अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने हमले की पुष्टि की है।
ट्रंप प्रशासन के कार्यकाल में हूतियों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। यमन की राजधानी सना में अमेरिकी सैन्य विमान हूतियों के ठिकानों को निशाना बना रहे हैं। यह पहली बार है कि किसी हमले में इतनी बड़ी संख्या में हूतियों की जान गई है।
हूतियों ने बंदरगाह पर हमले के बाद का एक वीडियो जारी किया, जिसमें घटनास्थल पर लाशें बिखरी हुई दिखाई दे रही थीं। हूतियों के अनुसार, बंदरगाह पर पैरामेडिक और नागरिक कर्मचारी मारे गए। हमले के कारण भीषण विस्फोट हुआ और आग लग गई।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड का कहना है कि अमेरिकी बलों ने ईरान समर्थित हूतियों के लिए ईंधन के स्रोत को खत्म करने और उन्हें अवैध राजस्व से वंचित करने के लिए यह कार्रवाई की है। अमेरिका का आरोप है कि हूती 10 वर्षों से अधिक समय से पूरे क्षेत्र को आतंकित करने के प्रयासों को वित्त पोषित कर रहे हैं। सेंट्रल कमांड का कहना है कि इस हमले का उद्देश्य यमन के लोगों को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि हूती शासन को उतार फेंकना और शांति स्थापित करना है।
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने वाणिज्यिक उपग्रह प्रदाता चांग गुआंग सैटेलाइट टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड पर अमेरिकी हितों पर ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर हमलों का समर्थन करने का आरोप लगाया है।
रास ईसा बंदरगाह तीन तेल टैंकों और रिफाइनिंग उपकरणों का केंद्र है। यह यमन के होदेदा प्रांत में लाल सागर के किनारे स्थित है। नासा के उपग्रहों ने शुक्रवार की सुबह कामरान द्वीप के पास स्थित इस स्थल पर भीषण आग देखी।
हूतियों ने इस हमले को यमन की संप्रभुता और स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन बताया है और कहा है कि यह पूरे यमनी लोगों को सीधे निशाना बनाता है, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण नागरिक सुविधा पर किया गया हमला है।
इस बीच, इजरायली सेना ने यमन पर इजराइल में एक मिसाइल दागने का आरोप लगाया है, जिसे सेना ने रोक दिया। इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इजरायल-हमास युद्ध के बीच संघर्ष विराम की अपील की है। उन्होंने गाजा में युद्ध विराम करने, मानवीय सहायता पर लगी रोक को खत्म करने और गाजा में सहायता पहुंचाने का आह्वान किया। कार्नी ने एक्स पर लिखा कि तत्काल युद्ध विराम, सभी बंधकों की रिहाई, गाजा में नागरिकों के लिए अधिक मानवीय सहायता और इजरायलियों और फिलिस्तीनियों के लिए एक स्थायी दो-राज्य समाधान की आवश्यकता है।
गाजा में पिछले छह सप्ताह से खाद्य आपूर्ति बंद है, जिस पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाजा के लगभग 20 लाख से ज्यादा लोग अब भोजन के लिए सहायता समूहों की ओर से चलाई जा रही चैरिटी रसोई में बन रहे केवल 10 लाख लोगों के भोजन पर निर्भर हैं। आपूर्ति बंद होने से यहां खाद्य वितरण कार्यक्रम बंद हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य सहायता समूह अपने बचे हुए स्टॉक को चैरिटी रसोई में भेज रहे हैं। गाजा में भोजन के लिए लोग केवल बाजार पर निर्भर हैं, लेकिन कीमतें ज्यादा होने से लोग खाद्य पदार्थ नहीं खरीद पा रहे हैं।
We need an immediate ceasefire, the release of all hostages, more humanitarian aid for civilians in Gaza, and a lasting two-state solution for Israelis and Palestinians.#Debate2025 pic.twitter.com/h3KyCuDNHQ
— Mark Carney (@MarkJCarney) April 18, 2025
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