नए वक्फ कानून पर देशभर में गरमाई सियासत के बीच, सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगी. एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं और संगठनों ने इस कानून के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ इस पर सुनवाई करेगी. कोर्ट ने अब तक 10 याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है, जिस पर दोपहर 2 बजे सुनवाई शुरू होगी.
इस सुनवाई से पहले ही धमकियों और विवादित बयानों का सिलसिला तेज हो गया है. समुदाय विशेष के कई नेता खुलकर धमकी दे रहे हैं कि वे वक्फ संशोधन कानून को नहीं मानेंगे और सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी नहीं सुनी तो सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे.
बंगाल में बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के अखिल भारतीय इमाम संघ के जिलाध्यक्ष सरकार को धमकी देते नजर आ रहे हैं.
वीडियो में वह व्यक्ति कहता है, हमारी 16 तारीख को सुनवाई है. हम उस तारीख तक इंतजार कर रहे हैं. अगर कानून हमारे पक्ष में जाता है, यानी अगर कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) आदेश देता है कि यह (वक्फ संशोधन अधिनियम) अमान्य है और इसे कानून नहीं माना जा सकता है, तो यह हमारे पक्ष में होगा और हम कोई कार्रवाई नहीं करेंगे. हम शांतिपूर्ण रहेंगे. लेकिन अगर कानून हमारे खिलाफ जाता है या बदलाव किया जाता है तो हम इसे जाने नहीं देंगे. सड़कें और गलियाँ हमेशा जाम रहेंगी. हम सबसे पहले ट्रेनों को रोकेंगे. हम शहरों में ऐसा नहीं करेंगे; हम इसे गाँवों में करेंगे. हम कार, बाइक, ट्रेन और सड़कें रोकेंगे, सब कुछ रोक देंगे. हम सिर्फ पश्चिम बंगाल ही नहीं, बल्कि पूरे भारत को ठप कर देंगे.
सुवेंदु अधिकारी सवाल उठाते हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा मामला दर्ज क्यों नहीं किया जा रहा है, जो गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है.
जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में 16 अप्रैल 2025 को वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुनवाई होगी. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल जमीयत का प्रतिनिधित्व करेंगे. उन्होंने कहा कि यह कानून असंवैधानिक है और वक्फ प्रशासन और वक्फ व्यवस्था दोनों के लिए विनाशकारी है.
असम में भी वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ मुस्लिम समुदाय ने प्रदर्शन किया. नॉर्थ ईस्ट मुस्लिम स्टूडेंट यूनियन (NEMSU) के नेतृत्व में हजारों लोग इस प्रदर्शन में शामिल रहे. NEMSU के प्रमुख बदरुल इस्लाम ने कहा कि वे लोग इस कानून को नहीं मानेंगे और इसके खिलाफ असम के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन करते रहेंगे.
समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र से सांसद अबू आसिम आजमी ने कहा कि सारी नीतियां मुसलमानों के खिलाफ हैं. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस हिंसा के लिए सीएम ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्र सरकार से उनकी सरकार बर्खास्त करने की मांग की है और बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.
*We have a hearing on the 15th. We are waiting until that date. If the law goes in our favour, i.e. if the Court (Supreme Court) Orders that it (Waqf Amendment Act) is invalid and cannot be considered a law, then it will be in our favor, and we will not take any actions. We will… pic.twitter.com/OjPIYSldGU
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) April 15, 2025
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