गुच्ची, डायर, वर्साचे की उड़ी नींद: चीन के TikTok ने खोली लग्जरी ब्रांड्स की पोल!
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अमेरिका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वॉर ने अब एक नया मोड़ ले लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के चीनी सामान पर भारी टैरिफ लगाने के बाद, चीन ने भी पलटवार किया है.

लेकिन चीन यहीं नहीं रुका. उसने टिकटॉक को हथियार बनाकर लग्जरी ब्रांड्स की नींद उड़ा दी है.

चीनी टिकटॉक यूजर्स अब वीडियो बनाकर बता रहे हैं कि गुच्ची, डायर, वर्साचे जैसे बड़े ब्रांड्स के प्रोडक्ट्स असल में चीन की फैक्ट्रियों में ही बनते हैं.

इतना ही नहीं, ये लोग अब इन प्रोडक्ट्स की सस्ती कॉपियाँ सीधे ग्राहकों को बेचने की बात कर रहे हैं.

एक वीडियो में एक चीनी शख्स ने गर्व से कहा, “पिछले 30 सालों से हमारी फैक्ट्रियाँ लग्जरी ब्रांड्स के लिए सामान बनाती हैं. लेकिन हमें सिर्फ मेहनताना मिलता है, मुनाफा तो ब्रांड्स ले जाते हैं.”

उसने बताया कि चीन की फैक्ट्रियाँ चमड़ा, जिपर, हर चीज तुरंत जुटा लेती हैं, और बाकी देशों में ऐसी क्वालिटी और रफ्तार नहीं मिलती.

एक अन्य टिकटॉक यूजर ने डायर की सप्लाई चेन की पोल खोली. उसने बताया कि डायर के स्वेटर और कार्डिगन हांगझोउ की बियॉन्ड गारमेंट्स से आते हैं, जो सैंड्रो, माजे और वर्साचे को भी सप्लाई करती है.

कॉस्मेटिक्स के मामले में डायर, लैंकोम और लॉरियल का प्रोडक्शन थाई हो ग्रुप से होने की बात सामने आई है.

ये वीडियो सिर्फ पोल खोलने तक सीमित नहीं हैं. चीनी यूजर्स बता रहे हैं कि वही प्रोडक्ट्स, जिन्हें फर्स्ट कॉपी कहते हैं, बेहद सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं. ये कॉपियाँ उसी मटेरियल और फैक्ट्री से बनती हैं, जो ओरिजिनल प्रोडक्ट्स के लिए इस्तेमाल होती हैं.

पहले ये फैक्ट्रियाँ चुप रहती थीं, लेकिन ट्रेड वॉर ने इन्हें खुलकर बोलने का मौका दे दिया. अब ये लोग ग्राहकों को सीधे सामान बेचने की बात कर रहे हैं, जिससे लग्जरी ब्रांड्स का मुनाफा खतरे में पड़ गया है.

पहले भी सबको पता था कि चीन सस्ते लेबर की वजह से लग्जरी ब्रांड्स का हब है. लेकिन अब चीन ने इसे छिपाने की बजाय हथियार बना लिया है.

टिकटॉक पर ये वीडियो न सिर्फ ब्रांड्स की सच्चाई उजागर कर रहे हैं, बल्कि सस्ते दामों पर फर्स्ट कॉपी बेचकर बाजार में हलचल मचा रहे हैं.

चीन की ये चाल लग्जरी ब्रांड्स के लिए मुसीबत बन सकती है, क्योंकि ग्राहक अब सवाल उठा रहे हैं कि जब सामान वही है, तो इतना महँगा क्यों?

दूसरी ओर चीन को भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि ब्रांड्स अपनी फैक्ट्रियाँ कहीं और ले जा सकते हैं.

ये ट्रेड वॉर अब टैरिफ से आगे निकलकर जिपर, कपड़े और टिकटॉक की जंग बन गई है.

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