मुर्शिदाबाद क्यों जल रहा है? गृह मंत्री से पूछो – हिंसा पर मदनी का ज़ोरदार सवाल!
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जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह वक्फ का मुद्दा नहीं, बल्कि विशुद्ध रूप से राजनीति है।

मदनी ने आरोप लगाया कि मुसलमानों के नाम पर, या तो उन्हें गाली देकर या उनका हमदर्द बनकर, दुर्भावना से प्रेरित होकर इस अधिनियम को लागू किया गया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह अधिनियम देश, समाज और मुसलमानों के लिए हितकर नहीं है।

मदनी ने ज़ोर देते हुए कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी और तब तक खत्म नहीं होगी जब तक न्याय नहीं मिल जाता। उन्होंने कहा कि इसके लिए जो भी कुर्बानियां देनी पड़ेंगी, वे देने के लिए तैयार हैं। भारत की आजादी से पहले भी कुर्बानियां दी गई थीं, और अब भी यदि लड़ना पड़ा तो लड़ेंगे और इंतजार करना पड़ा तो इंतजार करेंगे।

उन्होंने कहा कि वे न्याय का इंतजार कर रहे हैं और पूरा समुदाय उनके साथ है। मदनी ने यह भी कहा कि इस देश के लोग खूबसूरत हैं, बुरे नहीं हैं, और केवल कुछ लोग ही गलत काम कर रहे हैं।

इस बीच, मुर्शिदाबाद में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार, मुस्लिम बहुल जिले में हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई है और सुरक्षा बल कड़ी निगरानी रख रहे हैं। सुती, धुलियान, शमशेरगंज और जंगीपुर इलाकों में स्थिति शांतिपूर्ण है। रात भर छापेमारी जारी रही और 12 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हिंसा प्रभावित इलाकों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

यह ध्यान देने योग्य है कि शुक्रवार, 11 अप्रैल को नए वक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों, खासकर मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान पुलिस वैन समेत कई वाहनों में आग लगा दी गई थी, सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके गए थे और सड़कें जाम कर दी गई थीं। शनिवार को भी कुछ जगहों पर हिंसा की खबरें आईं।

हिंसा के बीच शनिवार को शमशेरगंज के जाफराबाद में एक व्यक्ति और उसके बेटे के शव उनके घर से बरामद किए गए थे, जिन पर चाकू से कई वार किए गए थे। पुलिस के अनुसार, उनकी पहचान हरगोबिंदो दास और चंदन दास के रूप में हुई है।

पुलिस ने यह भी बताया कि शुक्रवार को सुती के सजुर मोड़ पर हुई झड़पों के दौरान गोली लगने से घायल हुए 21 वर्षीय एजाज मोमिन की शनिवार को मौत हो गई। शुक्रवार को हुई हिंसा में कम से कम 18 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

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