मुर्शिदाबाद जिले के अशांत धुलियान से 400 से अधिक लोग सुरक्षा की तलाश में पलायन कर गए हैं। हिंसा और आगजनी के बाद ये लोग अपना घर बार छोड़ने को मजबूर हो गए।
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर हुई हिंसा के कारण ये हालात बने हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है और इतने ही लोग गोली लगने से घायल हुए हैं।
मुर्शिदाबाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित सैकड़ों लोगों ने भागीरथी नदी पार कर मालदा में शरण ली है। स्थानीय प्रशासन ने दंगा प्रभावित परिवारों के लिए आश्रय और भोजन की व्यवस्था की है। उन्हें स्कूलों में शरण दी गई है। मुर्शिदाबाद से नावों से आने वालों की सहायता के लिए नदी तट पर स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है।
सोशल मीडिया पर भयावह तस्वीरें सामने आई हैं। मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले के सुती, धुलियान, जंगीपुर और शमशेरगंज समेत कई इलाकों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए, जो सांप्रदायिक हिंसा में बदल गए। इसके कारण प्रभावित लोगों का पलायन शुरू हो गया। मीडिया में आई तस्वीरों में मुर्शिदाबाद के इन इलाकों में दुकानें, होटल और घर जलते हुए दिखाई दे रहे हैं।
अपने परिवार के चार अन्य सदस्यों के साथ मुर्शिदाबाद से पलायन करने वाली एक युवती ने बताया कि उनके घरों में आग लगा दी गई थी। महिलाओं और लड़कियों के साथ बाहरी लोगों और कुछ स्थानीय लोगों के एक समूह ने छेड़छाड़ की थी। उन्होंने बम फेंके, उन्हें वक्फ (संशोधन) अधिनियम के लिए दोषी ठहराया और उन्हें तुरंत अपने घर छोड़ने के लिए कहा। उन्होंने उनके घर के पुरुषों को पीटा।
एक बुजुर्ग महिला ने कहा कि उन्होंने हमलावरों से हाथ जोड़कर माफी मांगी, जबकि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया था। हथियार लहराते हुए हमलावरों ने बहुत अत्याचार किए। वह, उनका बेटा, बहू और पोता अपना कुछ सामान लेकर भाग निकले।
लोग पलायन कर पड़ोसी मालदा जिले के देवनापुर-सोवापुर ग्राम पंचायत के पार लालपुर हाईस्कूल और बैसनबनगर में शरण ले ली है। भाजपा के नेता दावा कर रहे हैं कि तकरीबन 400 हिन्दू पलायन कर चुके हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश के बाद, केंद्रीय सशस्त्र बलों को उन सभी संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है जहां दंगा और आगजनी हुई थी। संसद के दोनों सदनों द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित किए जाने के बाद से ही इलाके में अशांति फैल रही थी।
प्रदर्शनकारियों ने मुर्शिदाबाद के धुलियान, समसेरगंज और सुती में लूटपाट, सरकारी वाहनों को जलाने, रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और घरों को नुकसान पहुंचाने का काम किया। समसेरगंज में 71 वर्षीय व्यक्ति और उसके 40 वर्षीय बेटे की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और शनिवार को उनके क्षत-विक्षत शव बरामद किए गए।
राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार समसेरगंज पहुंचे और वहां डेरा जमाए हुए हैं। अधिकारी ने दावा किया कि जान के डर से लोग नदी पार भागने को मजबूर हुए और मालदा के बैष्णबनगर के देवनापुर-सोवापुर जीपी के पार लालपुर हाई स्कूल में शरण ली।
कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने संकटग्रस्त मुर्शिदाबाद में सीएपीएफ की तैनाती का आदेश देते हुए कहा कि जब आम लोग हिंसा में पीड़ित हैं तो न्यायपालिका अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती। न्यायालय ने कहा कि क्षेत्र में शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों को पर्याप्त सुरक्षा और संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।
*More than 400 Hindus from Dhulian, Murshidabad driven by fear of religiously driven bigots were forced to flee across the river & take shelter at Par Lalpur High School, Deonapur-Sovapur GP, Baisnabnagar, Malda.
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) April 13, 2025
Religious persecution in Bengal is real.
Appeasement politics of… pic.twitter.com/gZFuanOT4N
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