मुर्शिदाबाद में बदले की आग: बाप-बेटे की हत्या, महिला ने बचाई बेटियों की लाज!
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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के विरोध में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. शनिवार, 12 अप्रैल 2025 को शमशेरगंज के जाफराबाद में उन्मादी भीड़ ने पिता-पुत्र की बेरहमी से हत्या कर दी. इस घटना ने इलाके में तनाव को और गहरा दिया है. प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए धारा 163 लागू कर दी है. इंटरनेट सेवाएं बंद हैं और पुलिस तथा बीएसएफ का कड़ा पहरा जारी है.

मुर्शिदाबाद में हिंसा की शुरुआत शुक्रवार, 11 अप्रैल को सूती इलाके से हुई. जुमे की नमाज के बाद हजारों लोग वक्फ कानून के विरोध में सड़कों पर उतरे और एनएच-34 को जाम कर दिया. पुलिस के हस्तक्षेप पर भीड़ उग्र हो गई, जिसके बाद पथराव और आगजनी शुरू हो गई. शमशेरगंज के डाक बंगला मोड़ पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों, आउटपोस्ट और दुकानों को निशाना बनाया.

शनिवार को हिंसा ने और विकराल रूप ले लिया. शमशेरगंज के जाफराबाद में भीड़ ने एक गांव पर हमला किया. स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बदमाशों के एक समूह ने लूटपाट के इरादे से तोड़फोड़ शुरू की. पिता-पुत्र ने जब इसका विरोध किया तो उनकी हत्या कर दी गई. घर से रक्तरंजित शव बरामद हुआ. अपराधियों पर धारदार हथियार से वार कर हत्या का आरोप लगाया गया है. मृतकों की पहचान हरगोविंद दास (74) और चंदन दास (40) के रूप में हुई. उनके शवों को फरक्का अस्पताल ले जाया गया, जहां चोट के निशान पाए गए.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक महिला अपना दर्द बयां कर रही हैं. वह बता रही हैं कि आंदोलनकारियों ने मेरे घर में घुसकर तोड़-फोड़ किया. पूरा घर तहस-नहस कर दिया. मेरे घरवालों को भी मारा. मैं दो लड़कियों के साथ थर-थर कांप रही थी. मेरी दोनों बेटियों का रेप हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता? कोई पुलिस नहीं थी. हम छत पर जाकर छुप गए. वहीं, दोनों बेटियों ने बताया कि हम डर से गए थे. मेरे पूरे घर को तोड़-फोड़ दिया गया. हम लोग क्या ही करते, यहां कोई नहीं था. दूसरे घर में भी वे लोग तोड़-फोड़ कर रहे थे.

हिंसा को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं. जंगीपुर, सूती, धुलियान और शमशेरगंज में भारी पुलिस बल और बीएसएफ की दो कंपनियां तैनात की गई हैं. जिला मजिस्ट्रेट के अनुरोध पर बीएसएफ ने करीब 300 जवानों को शांति व्यवस्था के लिए उतारा है. इंटरनेट सेवाएं 13 अप्रैल तक निलंबित हैं ताकि अफवाहें न फैलें. पुलिस ने अब तक 118 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें सूती से 70 और शमशेरगंज से 41 शामिल हैं.

इस बीच राजनीतिक दलों के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, ममता बनर्जी के हाथों इन निर्दोष हिंदुओं का खून लगा है. उनके खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी ममता पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का आरोप लगाया और उनका इस्तीफा मांगा. उन्होंने कहा, आपकी भड़काऊ टिप्पणियों ने इस हिंसा को बढ़ावा दिया. वहीं ममता बनर्जी ने सफाई दी कि वक्फ कानून राज्य सरकार ने नहीं बनाया, इसका जवाब केंद्र से मांगें. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.

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