गाजा बमबारी में माइक्रोसॉफ्ट की भूमिका: एक विरोध और उठे सवाल
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गाजा में जारी बमबारी के बीच, सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. हाल ही में, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला के सामने एक हिंदू अमेरिकी, वान्या अग्रवाल ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

वान्या अग्रवाल, जो खुद माइक्रोसॉफ्ट की कर्मचारी हैं, ने कंपनी पर गाजा में 50,000 फिलिस्तीनियों की हत्या में माइक्रोसॉफ्ट तकनीक का हाथ होने का आरोप लगाया. उन्होंने इजरायल के साथ कंपनी के संबंधों को तोड़ने की मांग करते हुए इस्तीफा भी दे दिया.

यह विरोध प्रदर्शन माइक्रोसॉफ्ट के 50वें वर्षगांठ समारोह के दौरान हुआ, जहाँ फिलिस्तीन समर्थकों ने कार्यक्रम में खलल डाला. एक अन्य प्रदर्शनकारी, इब्तिहाल अबूसाद ने माइक्रोसॉफ्ट पर इजरायल की सेना को एआई हथियार बेचने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कंपनी गाजा में नरसंहार को ताकत दे रही है.

इन आरोपों के केंद्र में यह दावा है कि माइक्रोसॉफ्ट ने इजरायल की सेना को ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक दी है, जिसका इस्तेमाल गाजा और लेबनान में लक्षित बमबारी के लिए किया गया. एसोसिएटेड प्रेस (एपी) की एक हालिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि इजरायली सेना ने जिस प्रोग्राम के जरिए लक्ष्यों का चयन किया, उसमें माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई के एआई मॉडल का इस्तेमाल किया गया था.

फिलिस्तीन समर्थक 2023 की उस इजरायली हवाई हमले का भी हवाला दे रहे हैं, जिसमें एक लेबनानी परिवार की गाड़ी को निशाना बनाया गया था. इस हमले में तीन लड़कियों और उनकी दादी की मौत हो गई थी.

रिपोर्टों में बताया गया है कि इजरायल ने गाजा में एआई सिस्टम का व्यापक इस्तेमाल किया है. इन खुलासों के बाद, कई माइक्रोसॉफ्ट कर्मचारियों ने एआई की महत्वपूर्ण बैठकों का बहिष्कार कर अपना विरोध जताया है.

एपी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी टेक कंपनी ने इजरायल को चुपचाप ऐसी तकनीक दी जिससे गाजा और लेबनान में आतंकियों को बड़ी संख्या में ढूंढकर मारा जा सके. यह भी दावा किया गया है कि इन हमलों में बड़ी संख्या में आम नागरिक, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं, मारे गए.

इजरायली सेना खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, बातचीत सुनने और संदिग्ध व्यवहार पर नजर रखने के लिए एआई का इस्तेमाल करती है, जिससे दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. हमास के अक्टूबर 2023 के हमले के बाद, इजरायल ने माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई की तकनीक का इस्तेमाल और भी बढ़ा दिया था.

हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई ने अभी तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.

गाजा में हो रही बमबारी में एआई के इस्तेमाल और माइक्रोसॉफ्ट की कथित भूमिका को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. क्या यह तकनीक संघर्ष में निर्दोष लोगों को निशाना बनाने में इस्तेमाल हो रही है? क्या कंपनियां युद्ध में इस्तेमाल होने वाली तकनीक के प्रसार के लिए जिम्मेदार हैं? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में खोजने होंगे.

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