लाल आतंक से मुक्ति: बस्तर में बच्चे अब भयमुक्त होकर चला रहे फ़ोन
News Image

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को बस्तर पंडुम के समापन कार्यक्रम में भाग लिया। उन्हें वहां माला और गौर मुकुट पहनाकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के बाद गृहमंत्री शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक तस्वीर साझा की। उन्होंने लिखा कि जो बस्तर-सुकमा क्षेत्र कभी लाल आतंक (नक्सलवाद) का गढ़ था, जहां लोग डर के मारे घरों से बाहर नहीं निकलते थे, आज वहां के डोंडरा पंचायत में बच्चों को भयमुक्त होकर फ़ोन चलाते देख मन आनंदित है। उन्होंने इस तस्वीर को विकास और विश्वास का प्रतीक बताया।

अमित शाह ने अपने संबोधन की शुरुआत भारत माता की जय के नारे से की। उन्होंने कहा कि चैत्र नवरात्रि की अष्टमी है और उन्होंने माता दंतेश्वरी से आशीर्वाद लिया है कि अगली चैत्र नवरात्रि तक यहां से लाल आतंक पूरी तरह खत्म हो जाए और बस्तर फिर से खुशहाल हो जाए।

गृहमंत्री ने नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार डाल दें और मुख्यधारा में शामिल हो जाएं। उन्होंने कहा कि अब गोलियां और बम धमाके चलने का जमाना चला गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी नक्सली मारा जाता है तो किसी को खुशी नहीं मिलती, क्योंकि वे सब अपने ही हैं, लेकिन इस क्षेत्र को विकास की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि जो विकास पिछले 50 सालों में नहीं हुआ, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले पांच सालों में करके दिखाना चाहते हैं। लेकिन यह तभी संभव होगा जब बस्तर में शांति होगी, बच्चे स्कूल जाएंगे और यहां के लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी।

अमित शाह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हथियार चलाकर बस्तर में अमन, शांति और विकास नहीं लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर गांव को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। जो गांव हर नक्सली को सरेंडर कराएगा, उसे नक्सलमुक्त घोषित करने के साथ ही उसके विकास के लिए एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 75 सालों तक कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया, लेकिन गरीबी नहीं हटी और लोगों को सुविधाएं नहीं मिलीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 60 करोड़ गरीबों को सुविधाएं दी हैं और 10 सालों में चार करोड़ से अधिक गरीबों के लिए घर बनाए गए हैं।

गृहमंत्री ने कहा कि विकास के लिए बंदूक नहीं, कंप्यूटर की जरूरत है। विकास के लिए हाथ में आईईजी और हथगोला नहीं, कलम चाहिए। उन्होंने बस्तर के लोगों से अपील की कि वे हर गांव से नक्सलियों को सरेंडर करवाएं और मुख्यधारा में शामिल करवाएं, ताकि नक्सलमुक्त गांव के विकास के लिए सरकार एक करोड़ रुपये दे सके।

*

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

प्रियांश आर्य के शतक पर झूमीं प्रीति जिंटा, मैच के बाद दी खास बधाई!

Story 1

डोमिनिकन गणराज्य: नाइट क्लब हादसे में 66 की मौत, कैसे गिरी छत?

Story 1

वाराणसी रेपकांड: स्पा सेंटर मालिक निकला मास्टरमाइंड, सेक्स रैकेट से जुड़ाव!

Story 1

संन्यास ले लो बूढ़े , फिनिशर बनते हो? धोनी पर फूटा फैंस का गुस्सा!

Story 1

वक्फ कानून के खिलाफ बंगाल में बवाल: मुर्शिदाबाद में हिंसा, इंटरनेट बंद, कर्फ्यू लागू!

Story 1

ड्रम बजा, प्यार लिखा, शपथ ली: यूपी में पति ने पत्नी की प्रेमी से करवाई शादी!

Story 1

भारतीय टीम के कोच पद पर ज़हीर खान की हामी, न्यूज़ीलैंड के कोच का इस्तीफा!

Story 1

जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट के लिए बांग्लादेश की टीम घोषित, 22 वर्षीय साकिब को पहली बार मिला मौका

Story 1

एक दिन में 1057 मर्दों के साथ संबंध: कंटेंट क्रिएटर को व्हीलचेयर की जरूरत, चेहरा खिला!

Story 1

बेटे के आग में झुलसने पर पवन कल्याण का बयान, पीएम मोदी ने की मदद