पवन गोयनका: वो शख्सियत जिन्होंने महिंद्रा को दिलाई नई पहचान, आनंद महिंद्रा भी कायल!
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महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने पवन गोयनका की जमकर तारीफ की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए उन्हें भारतीय ऑटो इंडस्ट्री का भविष्य बताया है. आखिर कौन हैं पवन गोयनका, जिनकी तारीफ करते आनंद महिंद्रा थक नहीं रहे?

पवन गोयनका 90 के दशक की शुरुआत में जनरल मोटर्स की नौकरी छोड़कर भारत लौटे थे. तब आनंद महिंद्रा ने उन्हें नासिक में महिंद्रा ऑटो में रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) का डिप्टी हेड बनने के लिए राजी किया था.

आनंद महिंद्रा बताते हैं कि गोयनका को पहली बार नासिक में R&D की छोटी-सी शेड और उसकी साधारण हालत देखकर अपने फैसले पर शक हुआ था. लेकिन वे रुके, R&D के हेड बने और स्कॉर्पियो गाड़ी बनाने वाली टीम को लीड किया.

धीरे-धीरे वे महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के MD और CEO बने. उन्होंने आज के विश्व स्तरीय R&D सेंटर की नींव रखी. रिटायरमेंट के बाद, वे इन-स्पेस (अंतरिक्ष विभाग की कंपनी) के चेयरमैन बन गए और हाल ही में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया.

पवन कुमार गोयनका का जन्म मध्य प्रदेश के हरपालपुर में हुआ था. उन्होंने IIT कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया, और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएच.डी. पूरी की. उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम में भी हिस्सा लिया.

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, गोयनका ने अमेरिका के डेट्रायट स्थित जनरल मोटर्स के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर में 14 वर्षों तक काम किया. वहां उन्होंने FLARE नामक सॉफ़्टवेयर डेवलप किया, जो आज भी इंजन के घर्षण और लुब्रिकेशन के एनालिसिस में इस्तेमाल किया जाता है.

1993 में वे महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) में बतौर जनरल मैनेजर (R&D) शामिल हुए और महिंद्रा स्कॉर्पियो बनाई. इसने महिंद्रा को ग्लोबल स्तर पर नई पहचान दिलाई.

2003 में वे ऑटोमोटिव सेक्टर के COO, 2005 में प्रेसिडेंट, और 2010 में ऑटोमोटिव एवं फार्म इक्विपमेंट सेक्टर के प्रेसिडेंट बने. 2013 में उन्हें कंपनी का एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाया गया, और 2016 में वे महिंद्रा एंड महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर बने.

महिंद्रा में अपने कार्यकाल के दौरान, गोयनका ने इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेगमेंट में महिंद्रा की एंट्री कराई. उनके नेतृत्व में महिंद्रा ई2ओ और ई-वेरिटो जैसी इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च की गईं.

उनके विज़नरी लीडरशिप के कारण महिंद्रा ने कृषि उपकरण, ट्रैक्टर, और ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़ी तरक्की की. महिंद्रा ट्रैक्टर्स आज दुनिया के सबसे ज्यादा बिकने वाले ट्रैक्टर ब्रांड्स में से एक हैं.

2021 में महिंद्रा से रिटायर होने के बाद, भारत सरकार ने उन्हें IN-SPACe का चेयरमैन नियुक्त किया. यहां वे भारत के स्पेस सेक्टर में निजी कंपनियों की भागीदारी को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं. 2025 में उन्हें पद्म श्री मिला.

पवन गोयनका की पत्नी ममता गोयनका कैंसर रोगियों की मदद करने के लिए काफी काम कर रही हैं और उन्हें सही इलाज दिलवाती हैं.

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