दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। ये तस्वीरें उनके घर के अंदर की हैं, जहां जले हुए नोटों का ढेर दिखाई दे रहा है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए इस बात की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी गई है कि जस्टिस वर्मा के घर इतनी बड़ी मात्रा में नकदी कहां से आई।
एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें आग बुझाने आए दमकलकर्मी नोटों के ढेर को देखकर हैरान रह गए। वीडियो में नोटों की गड्डियां जलती हुई दिख रही हैं।
कुछ नोट पूरी तरह से जलकर राख हो चुके हैं, जबकि कुछ अभी भी जल रहे हैं। मौके पर मौजूद दमकलकर्मी आग बुझाने के बाद सफाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
वायरल वीडियो में एक दमकलकर्मी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, महात्मा गांधी में आग लग गई भाई! यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार देर रात इस मामले की आंतरिक जांच रिपोर्ट, तस्वीरें और वीडियो अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय द्वारा दायर रिपोर्ट के अनुसार, प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है... (आगे की जांच जारी है)।
#WATCH | The Supreme Court released the inquiry report filed by Delhi High Court Chief Justice Devendra Kumar Upadhyaya into the controversy relating to High Court Justice Yashwant Varma. In his report, the Delhi High Court Chief Justice said that he is of the prima facie opinion… pic.twitter.com/1xgMh8xWNW
— ANI (@ANI) March 22, 2025
कुणाल कामरा विवाद: तोड़फोड़ मामले में 12 आरोपियों को मिली जमानत
बरेली में गैस एजेंसी में भीषण आग, 500 मीटर तक उड़े सिलिंडर के टुकड़े!
समुद्र किनारे दिखा डरावना कंकाल! जलपरी जैसा शरीर, ऊपरी हिस्सा कंकाल जैसा
पंजाब में गिरफ्तार किसानों की रिहाई: 450 और किसान आज होंगे रिहा, IG गिल का बड़ा बयान
पहले ही मैच में हार से रोहित शर्मा की आँखों में आए आंसू
धोनी ने मैदान पर दिखाई चाहर को मस्ती, बल्ले से मारने का किया इशारा!
120 करोड़ मोबाइल यूजर्स को राहत! अब दुर्गम क्षेत्रों में भी मिलेगी कनेक्टिविटी, DoT का नया कदम
शिंदे समर्थक ने कुणाल कामरा को दी धमकी, कॉमेडियन ने कहा - तमिलनाडु आ जा
परीक्षा में शानदार अंक, टीचर ने कर दिया छात्रा को मृत घोषित!
कुणाल कामरा विवाद पर एकनाथ शिंदे का बयान: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की एक सीमा होनी चाहिए