धुबरी को मिनी बांग्लादेश कहने पर असम विधानसभा में हंगामा
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भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी के असम के धुबरी जिले को मिनी बांग्लादेश कहने पर असम विधानसभा में शुक्रवार को भारी हंगामा हुआ। विपक्षी विधायकों ने इस टिप्पणी को असम का अपमान बताया और त्रिवेदी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की।

कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया के प्रस्ताव को एआईयूडीएफ विधायक रफ़ीकुल इस्लाम ने समर्थन दिया। रफ़ीकुल ने सवाल किया, क्या सरकार धुबरी को असम का हिस्सा मानती है? अगर ऐसा है, तो सुधांशु त्रिवेदी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करना चाहिए।

बुधवार को राज्यसभा में एक बहस के दौरान, त्रिवेदी ने वोटर डुप्लिकेशन के मुद्दे पर विपक्ष को घेरते हुए धुबरी को मिनी बांग्लादेश बताया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेता रकीबुल हसन धुबरी से 10.25 लाख वोटों से जीते, इसलिए इसे मिनी बांग्लादेश कहा जाता है। उन्होंने अवैध प्रवासियों के चुनावी प्रभाव के कारण एनआरसी लागू करने में उदासीनता का आरोप लगाया।

त्रिवेदी के बयान के बाद विपक्षी सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताई, जिसके बाद गृहमंत्री अमित शाह को उनका बचाव करना पड़ा। इस घटना ने असम में एनआरसी को लेकर लंबे समय से चली आ रही बहस को फिर से हवा दे दी है। भाजपा राज्य में अवैध नागरिकों को बाहर निकालने के लिए एनआरसी की प्रक्रिया को लागू करने की वकालत करती रही है, जबकि विपक्ष इसकी प्रक्रिया पर सवाल उठाता रहा है।

सुधांशु त्रिवेदी के बयान पर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया हुई। सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय हेगड़े ने कहा कि क्या त्रिवेदी को पता है कि गोपीनाथ बारदोली ने धुबरी के लोगों को पाकिस्तान में शामिल न होने के लिए मनाया था। उन्होंने ऐसे बयानों को भारत की सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि धुबरी पुराने गोपालपाड़ा जिले का हिस्सा था, जो मूल निवासी जनजातियों का इलाका है और इन समुदायों का भारत के साथ ऐतिहासिक संबंध रहा है। उन्होंने पलायन के कारण जनसांख्यिकीय बदलाव की चिंता को जायज ठहराया।

धुबरी, बांग्लादेश की सीमा से सटा होने के कारण मवेशी तस्करी और अवैध आप्रवासियों की घुसपैठ के कारण अक्सर चर्चा में रहता है। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रकीबुल हसन की 10.25 लाख वोटों से जीत ने भी इस क्षेत्र को सुर्खियों में ला दिया।

असम में बीजेपी सरकार आने के बाद से कई ऐसे फैसले लिए गए हैं जिनसे अल्पसंख्यकों में डर का माहौल बना है। धुबरी में बीजेपी अवैध बांग्लादेशी नागरिकों का मुद्दा उठाकर वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश करती रही है।

धुबरी जिला ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित है और पूर्वोत्तर को जोड़ने वाला चिकन नेक भी यहां से गुजरता है, जो रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। 2011 की जनगणना के अनुसार, जिले में मुस्लिम आबादी 73.49 प्रतिशत और हिंदू 26.07 प्रतिशत है।

राज्य में अवैध आप्रवासियों को चिह्नित करने के लिए एनआरसी प्रक्रिया को 2019 में अपडेट किया गया था, लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है। सरकार इस प्रक्रिया के पुन: सत्यापन की मांग कर रही है, जिसमें धुबरी जिले को भी शामिल किया गया है।

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