IPL 2025: इम्पैक्ट प्लेयर, दूसरी गेंद और DRS में बदलाव, लीग में क्या होगा खास?
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इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 रोमांचक बदलावों के साथ 22 मार्च से शुरू होने जा रहा है. फाइनल मुकाबला 25 मई को खेला जाएगा. पहला मैच कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच ईडन गार्डन्स में होगा.

स्लो ओवर रेट के लिए नई व्यवस्था:

IPL 2025 में स्लो ओवर रेट के लिए अब कप्तानों पर बैन नहीं लगेगा. उनकी जगह डिमेरिट अंक काटे जाएंगे. यह फैसला मुंबई में कप्तानों की बैठक में लिया गया. पहले, कप्तान पर बैन लग जाता था, जैसा कि हार्दिक पंड्या और ऋषभ पंत के साथ हुआ था. लेवल एक उल्लंघन से 25 से 75 प्रतिशत मैच फीस काटी जाएगी और डिमेरिट अंक मिलेंगे, जिसकी गणना अगले तीन वर्षों के लिए की जाएगी. लेवल दो उल्लंघन पर चार डिमेरिट अंक मिलेंगे.

सलाइवा के इस्तेमाल से बैन हटा:

BCCI ने गेंद पर लार (सलाइवा) के इस्तेमाल से प्रतिबंध हटा दिया है. यह फैसला कप्तानों की सहमति के बाद लिया गया. मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी गेंदबाजों ने भी गेंद पर लार लगाने की जरूरत बताई थी. ICC ने कोविड-19 महामारी के दौरान इस पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे बाद में स्थायी कर दिया गया था.

सेकंड बॉल का इस्तेमाल:

रात के मैचों में ओस के प्रभाव को कम करने के लिए सेकंड बॉल का नियम आएगा. अंपायर दूसरी पारी के 11वें ओवर के बाद गेंद की स्थिति का आकलन करेंगे. अगर अत्यधिक ओस पाई जाती है, तो गेंदबाजी टीम को नई गेंद का उपयोग करने की अनुमति होगी. यह नियम दोपहर के मैचों पर लागू नहीं होगा.

इम्पैक्ट प्लेयर रूल:

इम्पैक्ट प्लेयर नियम IPL 2025 में भी जारी रहेगा. यह टीमों को एक खिलाड़ी को सब्स्टीट्यूट करने की अनुमति देता है, जिससे अनकैप्ड खिलाड़ियों को अवसर मिलते हैं. इस नियम की समीक्षा 2027 संस्करण के बाद की जाएगी.

वाइड और हाइट वाली गेंदों के लिए DRS:

ऊंचाई और ऑफ साइड वाइड के लिए DRS (निर्णय समीक्षा प्रणाली) में अब ऊंचाई के आधार पर नो-बॉल और ऑफ स्टंप के बाहर वाइड के लिए रेफरल शामिल होंगे. हॉक-आई तकनीक और बॉल ट्रैकिंग से अंपायरों को सटीक निर्णय लेने में मदद मिलेगी.

प्लेयर रिप्लेसमेंट रूल:

जिस खिलाड़ी को बदला (रिप्लेस) जा रहा है, वह पूरे सत्र के दौरान अपनी टीम के लिए खेलने के लिए वापस नहीं आ सकता. सब्स्टीट्यूट कॉन्ट्रैक्ट केवल तभी किया जा सकता है जब टीम बीसीसीआई को सभी आवश्यक कागजात भेजे और उनकी अनुमति का इंतजार करे. सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों को उस वर्ष की नीलामी पूरी होने के बाद ही कॉन्ट्रैक्ट किया जा सकता है. फ्रेंचाइजी केवल प्रतिस्थापन के लिए आरएपीपी (Registered Available Player Pool) से खिलाड़ियों को ले सकती है.

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