तुर्की में तख्तापलट के हालात बनते दिख रहे हैं। हजारों प्रदर्शनकारी देश के नेता रेसेप तैयप एर्दोआन के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि प्रशासन ने अगले चार दिनों तक देश में किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
रेसेप तैयप एर्दोआन पिछले कई सालों से गाजा और सीरिया जैसे देशों की राजनीति में हस्तक्षेप करते रहे हैं। कई अवसरों पर, उन्होंने सऊदी अरब और ईरान को सीधे चुनौती देते हुए खुद को मुस्लिम दुनिया का नेता साबित करने की कोशिश की है। लेकिन उनके अपने देश में उनकी राजनीतिक जड़ें इतनी कमजोर हो गई हैं कि सत्ता बचाने के लिए उन्हें अपने विरोधियों को गिरफ्तार करना पड़ रहा है।
इस्तांबुल के मेयर एक्रेम इमामोग्लू की गिरफ्तारी के खिलाफ गुरुवार को हजारों प्रदर्शनकारी इस्तांबुल की सड़कों पर उतर आए। इमामोग्लू को तुर्की का विपक्षी नेता और राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी माना जाता है।
एर्दोआन अपने विरोधियों को गिरफ्तार करवा रहे हैं। सेक्युलर रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (SHP) के एक्रेम इमामोग्लू को राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन के सबसे मजबूत राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों में से एक माना जाता है। अभियोजकों ने उन पर भ्रष्टाचार और एक आतंकवादी समूह की सहायता करने का आरोप लगाया है और उन्हें आपराधिक संगठन का नेता संदिग्ध कहा है। उनके अलावा, पुलिस ने जांच के तहत 100 लोगों को हिरासत में लिया है, जिसमें राजनेता, पत्रकार और व्यवसायी शामिल हैं।
गिरफ्तारियों के बाद जनता में फैले गुस्से को देखते हुए, इस्तांबुल के गवर्नर ऑफिस ने शहर में चार दिन का प्रोटेस्ट बैन लगाया है। इन सबके बाद इमामोग्लू ने सोशल मीडिया के जरिए कहा, लोगों की इच्छा को दबाया नहीं जा सकता।
प्रतिबंध के बावजूद हजारों लोग इस्तांबुल के पुलिस मुख्यालय, सिटी हॉल और इमामोग्लू की रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (SHP) के मुख्यालय के बाहर इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तारी को अवैध और निराधार बताया है।
एक प्रदर्शनकारी ने एक यूरोपीय चैनल से बात करते हुए कहा, यह लोकतंत्र नहीं है। यह लोकतंत्र का दिखावा है, लोग इसके लायक नहीं हैं। हम निश्चित रूप से परेशान हैं। इंसान होने के नाते हम परेशान हैं।
आने वाले चुनावों में एक्रेम इमामोग्लू से एर्दोआन को कड़ी चुनौती मिल सकती है, क्योंकि उनकी लोकप्रियता पूरे देश में बढ़ रही है। इमामोग्लू पर कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित माना जा रहा है। एक दिन पहले इस्तांबुल विश्वविद्यालय ने मेयर की स्नातक की डिग्री रद्द कर दी थी, जो तुर्की कानून के तहत चुनाव के लिए जरूरी है।
बुधवार को एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (SHP) के नेता ओज़गुर ओज़ेल ने दावा किया कि एर्दोगान, जिन्हें पिछले साल स्थानीय चुनावों में बड़ी हार का सामना करना पड़ा था, ने इमामोग्लू को निशाना बनाया क्योंकि उन्हें आने वाले चुनावों में उनसे हारने का डर है।
Bu Millet Büyüktür! pic.twitter.com/Pgxkty4uLK
— Ekrem İmamoğlu (@ekrem_imamoglu) March 19, 2025
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