सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर, नासा के दो अंतरिक्ष यात्री, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से पृथ्वी पर लौटने की तैयारी में हैं। यह दल, नासा के क्रू -9 अंतरिक्ष यात्री रोटेशन मिशन का हिस्सा है, फ्लोरिडा के तट पर उतरेगा।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर लगभग नौ महीने पहले बोइंग की एक परीक्षण उड़ान के ज़रिए अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे थे। अब जब सुनीता विलियम्स धरती पर उतरेंगी, तो उन्हें कई प्रक्रियाओं से गुज़रना होगा।
फ्लोरिडा तट पर लैंडिंग के बाद, सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकाला जाएगा। उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाया जाएगा और तुरंत चिकित्सा जांच की जाएगी। यह प्रक्रिया इसलिए ज़रूरी है क्योंकि अंतरिक्ष यात्री लंबे समय तक माइक्रोग्रैविटी के संपर्क में रहने के बाद शारीरिक चुनौतियों का सामना करते हैं।
इसके बाद, अंतरिक्ष यात्रियों को ह्यूस्टन स्थित जॉनसन स्पेस सेंटर में उनके क्रू क्वार्टर भेजा जाएगा। यहां वे कई दिनों तक स्वास्थ्य जांच से गुज़रेंगे। यह अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए एक नियमित प्रक्रिया है। इसके बाद नासा के फ्लाइट सर्जन उन्हें अपने परिवार के पास जाने की अनुमति दे सकते हैं।
अंतरिक्ष यात्री मिशन के दौरान अपने अनुभवों, चुनौतियों और सफलताओं पर चर्चा करने के लिए डीब्रीफिंग में भाग लेंगे। अपने लंबे मिशन के बाद, सुनीता विलियम्स अपने परिवार और दोस्तों से मिल सकेंगी।
गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति का लंबे समय तक अंतरिक्ष यात्रियों पर प्रभाव पड़ता है। पृथ्वी पर लौटने पर उन्हें चक्कर आना, मतली और अस्थिर चाल का अनुभव हो सकता है।
अंतरिक्ष में शरीर में होने वाले बदलावों पर, ह्यूस्टन स्थित बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के अनुसार, पृथ्वी पर वापस लौटने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को तुरंत पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुसार समायोजित होने के लिए मजबूर होना पड़ता है। उन्हें खड़े होने, अपनी निगाह स्थिर करने, चलने और मुड़ने में समस्या हो सकती है। धरती पर लौटने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को अक्सर एक कुर्सी पर बिठाया जाता है। अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर जीवन के लिए खुद को फिर से तैयार करने में कई सप्ताह लग सकते हैं।
नासा के अनुसार, अंतरिक्ष में हर महीने, अंतरिक्ष यात्रियों की हड्डियाँ लगभग एक प्रतिशत कम घनी हो जाती हैं, अगर वे सावधानी नहीं बरतते हैं।
उधर, गुजरात के मेहसाणा में नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के पैतृक गांव झूलासन में डोला माता मंदिर में उनकी सुरक्षित धरती पर वापसी के लिए प्रार्थना की जा रही है। सुनीता विलियम्स और अन्य अंतरिक्ष यात्री नौ महीने से अधिक समय तक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में फंसे रहने के बाद धरती पर वापस आ रहे हैं।
#WATCH | Mehsana, Gujarat: Prayers are being offered at the Dola Mata Temple in Jhulasan, the native village of NASA astronaut Sunita Williams, for her safe return to Earth.
— ANI (@ANI) March 18, 2025
NASA astronaut Sunita Williams along with other astronauts begin their homecoming to Earth after being… pic.twitter.com/xhf1QBwMu8
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