नागपुर में हुई हिंसा पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि पुलिस पर हमले किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस घटना को सुनियोजित हमला बताया।
फडणवीस ने विधानसभा में नागपुर हिंसा का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए कहा कि सोमवार सुबह साढ़े 11 बजे बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र हटाओ के नारे के साथ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने घास-फूस की एक सांकेतिक कब्र बनाकर उसे जला दिया। गणेशपेठ पुलिस ने तुरंत बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया।
इसके बाद यह अफवाह फैली कि प्रतीकात्मक कब्र पर रखी गई चादर पर धार्मिक चिह्न बना था, जिसके बाद भालदारपुरा इलाके में शाम साढ़े 7 बजे 80-100 लोगों की भीड़ जमा हो गई और पुलिस पर हमला कर दिया। इस हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें 3 डिप्टी कमिश्नर रैंक के पुलिस अधिकारी शामिल हैं। एक अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया। इसके अतिरिक्त, 5 आम नागरिक भी घायल हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस संबंध में कुल 5 मामले दर्ज किए गए हैं। शहर के 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और कई इलाकों में नाकाबंदी लागू है। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए विभिन्न इलाकों में एसआरपीएफ की 5 टुकड़ियां तैनात की गई हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मौके पर ट्रॉली भर पत्थर और हथियार मिले हैं और कुछ घरों को भी निशाना बनाया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह हमला सुनियोजित था।
फडणवीस ने छावा फिल्म का जिक्र करते हुए कहा कि इस फिल्म ने छत्रपति संभाजी महाराज के वास्तविक इतिहास को सबके सामने लाकर लोगों की भावनाओं को भड़का दिया है, जिससे औरंगजेब के प्रति गुस्सा भी सामने आ रहा है। उन्होंने सभी से राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए संयम बरतने की अपील की।
सोमवार की शाम नागपुर के महाल इलाके में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें दुकानों और घरों को निशाना बनाया गया। इसके बाद हंसपुरी इलाके में भी हिंसा की खबर आई, जहाँ उपद्रवियों ने दुकानों और घरों को नुकसान पहुंचाया। पुलिस के अनुसार, उग्र भीड़ ने करीब 25 बाइक और 3 कारों को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा में 20 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 15 पुलिसकर्मी शामिल हैं, और 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
यह हिंसा संभाजीनगर में औरंगजेब के मकबरे को लेकर जारी विवाद के बीच हुई है, जहाँ बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने औरंगजेब के मकबरे को ध्वस्त करने की मांग की थी। नागपुर पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र सिंघल ने बताया कि हिंसा का मुख्य कारण कुरान जलाए जाने की अफवाह थी।
*Speaking in the Assembly on Nagpur violence, Maharashtra CM Devendra Fadnavis said, In Nagpur, Vishwa Hindu Parishad and Bajrang Dal held protests. Rumours were spread that things containing religious content were burnt....It looks like a well-planned attack. No one has… pic.twitter.com/FlEmczU0Rl
— ANI (@ANI) March 18, 2025
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