विश्व क्रिकेट का इकलौता क्रिकेटर, जिसे दी गई फांसी की सजा
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एक अजीबोगरीब कहानी

क्रिकेट की दुनिया में ऐसी कुछ कहानियां सामने आ जाती हैं, जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाते हैं। ऐसी ही एक कहानी है वेस्टइंडीज क्रिकेटर की भी, जिसे फांसी की सजा दी गई थी। सुनने में यह आपको अटपटा लग रहा होगा, लेकिन यह सच है।

हिल्टन की हत्या और फांसी

वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज लेस्ली हिल्टन (Leslie Hylton) दुनिया के इकलौते ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्हें फांसी पर चढ़ाया गया था। साल 1955 में हिल्टन को उनकी वाइफ लर्लिन रोज की हत्या के आरोप में फांसी के तख्ते पर लटका दिया गया था।

क्रिकेट करियर

(Leslie Hylton) ने अपने करियर में 6 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 16 विकेट लेने में सफल रहे। हिल्टन ने 40 फर्स्ट क्लास मैच भी खेले हैं। साल 1935 में लेस्ली ने इंग्लैंड के खिलाफ ब्रिजटाउन टेस्ट में डेब्यू किया था। इंग्लैंड यह टेस्ट मैच 4 विकेट से जीतने में सफल रहा। डेब्यू टेस्ट में उन्होंने 4 विकेट लेने में कामयाबी हासिल की थी।

घरेलू परेशानियां

लेस्ली हिल्टन ने साल 1942 में लर्लिन रोज के साथ शादी की। दोनों का जीवन काफी अच्छे से चल रहा था, लेकिन 1954 में दोनों के बीच मतभेद होने लगे। हिल्टन की वाइफ रोज ड्रेसमेकिंग बिजनेस के सिलसिले में अक्सर न्यूयॉर्क शहर जाया करती थी। वहां उनका किसी दूसरे व्यक्ति के साथ अफेयर शुरू हो चुका था।

पता चलने के बाद हत्या

उस दौरान घर में हिल्टन को एक पत्र मिला। पत्र में उनकी वाइफ रोज के अफेयर के बारे में लिखा हुआ था। अपनी वाइफ की करतूत को जानने के बाद वेस्टइंडीज क्रिकेटर काफी आहत हुए। उनके लिए पैरों तले जमीन खिसक गई थी। जब उनकी वाइफ न्यूयॉर्क से वापस घर आई तो हिल्टन ने पत्र को लेकर उनसे बात की, जिसे दोनों के बीच थोड़ी बहस हुई।

जलन और गोलीबारी

लेकिन रोज ने साफ शब्दों में कहा कि वह और वह व्यक्ति केवल दोस्त हैं। लेकिन कुछ दिन बाद उस व्यक्ति द्वारा लिखा एक और पत्र हिल्टन के हाथ लग गया, जिसे पढ़कर वह काफी गुस्से में आ गए। इस बात पर हिल्टन और रोज के बीच काफी तेज बहस हुई। हिल्टन अपनी वाइफ के करतूत से इतना खफा थे कि वह अपना आपा खो बैठे। उन्होंने पास खिड़की के निकट पड़ी बंदूक को पकड़ा और गोली चला दी।

फांसी की सजा

हालांकि कोर्ट में जब यह मामला गया तो हिल्टन ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने बंदूक से खुद को गोली मारने की कोशिश की थी, जो गलती से उनकी वाइफ रोज को लग गई। कोर्ट ने हिल्टन की इस दलील को मानने से इंकार कर दिया। मौके के समय लर्लिन रोज के शरीर में एक नहीं बल्कि 7 गोलियां पाई गई थी। आखिर में कोर्ट ने 20 अक्टूबर 1954 को हिल्टन को वाइफ के मर्डर के आरोप में फांसी की सजा सुना दी।

फांसी और विरोध

हिल्टन को 17 मई 1955 को फांसी के तख्ते पर लटका दिया गया। बता दें कि जब लेस्ली हिल्टन (Leslie Hylton) को फांसी पर लटकाया जा रहा था, उस दिन केंसिंग्टन ओवल के मैदान पर वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच खेला जा रहा था। उस दिन टेस्ट मैच के दौरान दर्शक दिर्घा में कुछ फैन्स हैंग होल्ट, सेव हिल्टन के बैनर लेकर पहुंचे थे, लेकिन हिल्टन को फांसी के फंदे से नहीं बचाया जा सका। दुनिया के क्रिकेट इतिहास में वह इकलौते ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्हें फांसी पर लटकाया गया था।

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